मप्र विद्युत परिवार के हिन्दी महोत्सव 2022 का समापन: ’हिन्दी को साहित्य तक सीमित न रखें’

मध्यप्रदेश विद्युत परिवार हिन्दी समिति के तत्वावधान में शक्तिभवन के केन्द्रीय ग्रंथालय में आयोजित तीन दिवसीय हिन्दी महोत्सव 2022 के समापन व पुरस्कार वितरण समारोह को आकाशवाणी के सेवानि‍वृत्त अपर महानिदेशक व साहित्यकार राजीव कुमार शुक्ल ने संबोध‍ित करते हुए कहा कि यह गलत धारणा है कि विज्ञान व गण‍ित का अध्ययन सिर्फ अंग्रेजी भाषा में संभव है, बल्क‍ि लाखों ऐसे उदाहरण हैं, जहां हिन्दी माध्यम के विद्यार्थि‍यों ने उच्च स्तर सफलता अर्जित की है। हिन्दी को सिर्फ साहित्य तक सीमित नहीं रखना चाहिए। हिन्दी का जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उपयोग व उपयोगिता है।

उन्होंने विद्युत कंपनियों जैसे प्रौद्योगिक संस्थान में हिन्दी के कार्य व स्तर की सराहना की। श्री शुक्ल ने कहा कि सरकारी प्रसार माध्यमों का हिन्दी के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। समारोह की अध्यक्षता मध्यप्रदेश विद्युत परिवार हिन्दी समिति के अध्यक्ष व एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन व प्रशासन राजीव गुप्ता ने की।

इस अवसर पर अतिरिक्त महाप्रबंधक अख‍िलेश अग्रवाल, समिति के संगठन सचिव आलोक श्रीवास्तव सहित विद्युत कंपनियों के अभ‍ियंता व कार्मिक उपस्थि‍त थे। हिन्दी भाषा में योगदान देने के लिए मध्यप्रदेश विद्युत परिवार हिन्दी समिति ने श्री राजीव कुमार शुक्ल को सम्मानित किया।

अगले वर्ष हिन्दी महोत्सव का विस्तार होगा

मध्यप्रदेश विद्युत परिवार हिन्दी समिति के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि हिन्दी महोत्सव 2022 में विद्युत कार्मिकों के उत्साह व प्रतिभागिता को देख कर अगले वर्ष नई प्रतियोगिताओं के संयोजन के साथ विस्तृत रूप में आयोजित किया जाएगा।    

तत्कालिक भाषण प्रतियोगिता 

हिन्दी महोत्सव के समापन दिवस पर तत्कालिक भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई। इस प्रतियोगिता में 10 से अध‍िक प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों को तीन विषयों हिन्दी-फिल्म, रंगमंच एवं मंच की भाषा, ज्ञान विज्ञान और रोजगार की भाषा के रूप में हिन्दी और संचार माध्यमों की भाषा के रूप में हिन्दी में से किसी एक विषय पर तीन मिनट की अवध‍ि में तत्कालिक भाषण देना था।

सुनील गंगोपाध्याय की लम्बी कविता चिट्ठी जो भेजी नहीं गई पर नाट्य प्रस्तुति

विवेचना रंगमंडल की कलाकार अलंकृति श्रीवास्तव ने प्रगति विवेक पांडे के निर्देशन में बंगला के विख्यात कवि सुनील गंगोपाध्याय की लम्बी कविता ‘चिट्ठी जो भेजी नहीं गई’ को संवेदनशील व मार्मिक एकल अभ‍िनय से प्रस्तुत किया। बंगला की इस कविता का हिन्दी अनुवाद कविता बैनर्जी ने किया। 

प्रतियोगिताओं के विजेता हुए पुरस्कृत

तीन दिवसीय हिन्दी महोत्सव के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। तत्कालिक हिन्दी निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के संजय आनंद, द्वितीय स्थान पर मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी की मनीषा झारिया, तृतीय स्थान पर मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के चिंतामन कोरी रहे।

साहित्य केन्द्र‍ित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रतीक कुंटे, पावर मैनेजमेंट कंपनी की अनिमा झा व पावर जनरेटिंग कंपनी के लोकेश कुमार उपाध्याय रहे। द्वितीय व तृतीय स्थान पर पावर मैनेजमेंट कंपनी के मनोज कुमार पशीने व सतीश कुमार गुप्ता रहे। तत्कालिक हिन्दी भाषण प्रतियोगिता में प्रथम व द्वितीय स्थान पर मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी की अंकिता सिंह, लोकेश कुमार उपाध्याय व तृतीय स्थान पर पावर मैनेजमेंट कंपनी के संजय पोल रहे। कार्यक्रम का संचालन राजेश पाठक व आभार प्रदर्शन जनसम्पर्क अध‍िकारी पंकज स्वामी ने किया।