Saturday, May 11, 2024
Homeवेब स्टोरीइतिहासइतिहास के पन्नों में 9 मार्चः वो स्वेतलाना, जिसकी वजह से भारत...

इतिहास के पन्नों में 9 मार्चः वो स्वेतलाना, जिसकी वजह से भारत और सोवियत संघ के रिश्तों में आई खटास

देश-दुनिया के इतिहास में 9 मार्च की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। साल 1967 की यह ऐसी तारीख है, जो तत्कालीन सोवियत संघ (अब रूस) और भारत के संबंधों में कुछ समय के लिए खटास लिए बड़ी वजह बनी। सनद रहे कि भारत और सोवियत संघ के संबंध बहुत गहरे रहे हैं। यह खटास सोवियत संघ के पूर्व नेता जोसेफ स्टालिन की बेटी स्वेतलाना अलिलुयेवा के कारण आई। 9 मार्च को स्वेतलाना भारत आईं और यहां से अमेरिका भाग गईं। दोबारा सोवियत संघ नहीं लौटीं। इसे सोवियत संघ ने बहुत गंभीरता से लिया।

स्वेतलाना भारत के ब्रजेश सिंह की अनौपचारिक पत्नी थीं। ब्रजेश सिंह के भतीजे दिनेश सिंह तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। ब्रजेश सिंह की मौत के बाद स्वेतलाना भारत आईं और उनका हिंदू रीति-रिवाज से अस्थि विसर्जन किया। स्वेतलाना प्रतापगढ़ में ब्रजेश सिंह के गांव भी गईं। स्वेतलाना ने भारत से वापस सोवियत संघ जाने की जगह अमेरिका में शरण लेने का फैसला किया। स्वेतलाना जब भारत आईं तब देश में आम चुनाव का दौर चल रहा था। इसी कारण न तो पॉलिटीशियन और न ही मीडिया को स्वेतलाना के भारत में होने से कोई खास दिलचस्पी थी। लेकिन अचानक से एक खबर आती है कि स्वेतलाना ने भारत से होते हुए अमेरिका में शरण ली है।

सोवियत संघ यह कहते हुए भारत से नाराज हुआ कि एक खास मेहमान का सही से ख्याल नहीं रखा गया। सोवियत दूतावास ने अमेरिकी राजदूत और सीआईए को भी खरी-खोटी सुनाई और अपहरण का आरोप लगाया। सोवियत संघ की नाराजगी के कारण भारत ने अपना दूत स्वेतलाना के पास भेजा और एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराया, जिसमें लिखा था कि भारत ने उनकी अमेरिका जाने में कोई मदद नहीं की है। सोवियत संघ छोड़ने के फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि वह बेकार जिंदगी नहीं जीना चाहती थीं। स्वेतलाना का अंत समय बेहद गरीबी में बीता और 22 नवंबर 2011 को उनका अमेरिका में निधन हो गया।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1454: इटली के शहर फ्लोरेंस में समुद्री यात्री अमेरिगो वेसपुची का जन्म हुआ। उनकी वजह से ही अमेरिका का नाम पड़ा।

1945: अमेरिकी एयरफोर्स ने टोक्यो में बम गिराए। बमबारी से लगी आग ने करीब एक चौथाई शहर को जलाकर राख कर दिया और 80 हजार लोगों की जान ली।

1948 : एयर इंडिया इंटरनेशनल की स्थापना।

1959 : दुनियाभर में बच्चियों की पसंदीदा बार्बी डॉल को न्यूयार्क में अमेरिकन टॉय फेयर में पहली बार पेश किया गया

1967: सोवियत तानाशाह जोसेफ स्टालिन की पुत्री स्वेतलाना ने देश छोड़ा और नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास पहुंचकर राजनीतिक शरण मांगी।

1973 : उत्तरी आयरलैंड की जनता ने देश में हुए एक जनमत संग्रह में ब्रिटेन के साथ रहने के पक्ष में वोट किया। लगभग 57 प्रतिशत मतदाताओं ने ब्रिटेन के साथ रहने का समर्थन किया।

1986 : सेटेलाइट आधारित पहला टेलीफोन संपर्क नेटवर्क औपचारिक रूप से शुरू।

1999 : ब्रिटेन में भारतीय मूल के दिग्गज उद्योगपति स्वराज पॉल को सेंट्रल बर्मिंघम विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की।

2003ः पेरू के पूर्व राष्ट्रपति अलवर्टो फूजीमोरी के खिलाफ इंटरपोल ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

2004ः पाकिस्तान ने 2000 किलोमीटर मारक क्षमता वाले सतह तक मार करने वाले ‘शाहीन-2’ (हत्फ-6) प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण किया।

2005ः थाक्सिन शिनवात्रा दूसरे कार्यकाल के लिए थाइलैंड के प्रधानमंत्री चुने गए।

2007ः ब्रिटेन में भारतीय डॉक्टरों को भेदभाव वाले प्रवासी नियमों पर कानूनी कामयाबी मिली।

2008ः मलेशिया में हुए संसदीय चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री अब्दुल्ला अहमद बदावी पराजित।

2020: देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 43 पहुंची। दुनियाभर में हाहाकार। विश्वभर में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 110,000 से ज्यादा।

जन्म

1930ः प्रख्यात विधिवेत्ता और भारत के पूर्व महान्यायवादी सोली जहांगीर सोराबजी।

1931ः भारतीय राजनेता कर्ण सिंह।

1938ः प्रसिद्ध बाल साहित्यकार हरिकृष्ण देवसरे।

1951ः मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन।

1956ः कांग्रेस नेता और लेखक शशि थरूर।

1985ः भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी पार्थिव पटेल।

1996ः भारतीय बाल कलाकार दरशील सफारी।

निधन

1969ः प्रख्यात पारसी व्यापारी हारमसजी पेरोशा मोदी।

1971ः प्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक के. आसिफ।

2012ः हिन्दी फिल्मों के मशहूर अभिनेता जॉय मुखर्जी।

2023ः मशहूर अभिनेता और निर्माता-निर्देशक सतीश कौशिक।

संबंधित समाचार