भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी मौसमी अनुमान के अनुसार शीतकालीन मौसम में देश के अधिकांश भागों में सामान्य से न्यूनतम तापमान होने और शीतलहर चलने की संभावना है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शीतलहर से बचने के लिए कई उपाय सुझाए हैं, फिर भी अगर कोई शीतलहर की चपेट में आ जाता है तो उसे तत्काल शीतलहर से बचने के लिए क्या जरूरी उपाय करने होंगे उसे विस्तार से बताया है।
शीतलहर से पहले क्या करें
सर्दियों के कपड़े पर्याप्त मात्रा में रखें।
कपड़ों की कई परतें पहनना भी लाभदायक रहता है।
आपातकालीन आपूर्तियों के लिए सभी जरूरी सामान तैयार रखें।
शीतलहर के दौरान क्या करें
जितना संभव हो, घर के अंदर रहें।
ठंडी हवा से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें।
अपने शरीर को सुखाकर रखें।
यदि कपड़े गीले हो जाएँ, तो उन्हें तुरंत बदलें। इससे शरीर की उष्मा बनी रहेगी।
नियमित रूप से गर्म पेय पिएं।
बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ख्याल रखें।
शीतदंश के लक्षणों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों, कानों की लोब और नाक की नोक पर सुन्नता, सफेदी या पीलेपन के प्रति सजग रहें।
शीतदंश से प्रभावित हिस्से की मालिश न करें, इससे अधिक नुकसान हो सकता है।
शीतदंश से प्रभावित शरीर के हिस्सों को गुनगुने पानी में डालें।
कंपकंपी को अनदेखा न करें- यह एक महत्वपूर्ण अग्रिम संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है।
कंपकंपी महसूस होने पर तुरंत घर लौटें।