जबलपुर स्केचिंग क्लब का आयोजन: महिला दिवस पर कविता पाठ, संगीत और रेखांकन कर महिलाओं के महत्‍व को किया याद

जबलपुर की बैलेसिंग रॉक की काली सुदृढ़ संतुलित ग्रेनाइट चट्टानें, हरे पेड़, शीतलता और प्राकृतिक वातावरण और आम महिला की छवि व प्रकृति में साम्‍यता झलकती एवं दिखती है। आज कुछ ऐसे ही दृश्‍य बैलेसिंग रॉक में जबलपुर स्‍केचिंग क्‍लब के तत्‍वावधान में आयोजित महिला पूर्व दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में देखने को मिले।

जबलपुर स्‍केचिंग क्‍लब के सदस्‍यों के साथ नगर के साहित्‍यकारों, चित्रकारों, रंगकर्मियों, वास्‍तुविद, इंजीनियरों, पर्यटकों, विद्यार्थ‍ियों ने महिला की साहस, शक्‍ति, बुद्धिमत्‍ता, भागीदारी और आगे बढ़ने की इच्‍छा को रेखांकन, काव्‍य पाठ व संगीतमय गायन से प्रदर्शित किया। आज के आयोजन की महत्‍वपूर्ण बात यह रही कि डुमना नेचर पार्क के प्रकृति प्रेमियों व पुलिस की रेड कोड टीम की भी इस कार्यक्रम में सहभागिता रही।

काव्‍य पाठ में स्‍त्र‍ियों का महत्‍व झलका-
नगर के रंगकर्मी वसंत काशीकर व अलंकृति श्रीवास्‍तव, आकृति श्रीवास्‍तव, कवि विवेक चतुर्वेदी, कथाकार पंकज स्‍वामी ने स्‍त्र‍ियों पर केन्‍द्रि‍त कविताओं का पाठ किया। पहल के संपादक व विख्‍यात कथाकार ज्ञानरंजन ने भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा अनुवादित बंगला कविता ‘उन लोगों का कवि हूं जो जुटे हुए हैं धंधों’ का पाठ किया। ज्ञानरंजन द्वारा संभवत: जबलपुर में प्रथम बार सार्वजनिक व औपचारिक रूप से कविता का पाठ किया गया।

ज्ञानरंजन के काव्‍य पाठ से बैलेसिंग रॉक में उपस्थित लोगों को सुखद अनुभूति हुई। वसंत काशीकर ने उदयप्रकाश व कात्‍यायनी, अलंकृति श्रीवास्‍तव ने स्‍वरचित, अनामिका, कात्‍यायनी, आकृति श्रीवास्‍तव ने स्‍वरचित व प्रेमलता श्रीवास्‍तव, विवेक चतुर्वेदी ने नरेश सक्‍सेना, आलोक धन्‍वा, अनुराधा सिंह एवं पंकज स्‍वामी ने कात्‍यायनी, पवन करण व जसिंता केरकेट्टा की स्‍त्री प्रधान कविताओं का पाठ किया।

संगीत प्रस्‍तुति से उल्‍लास बढ़ा-
अरूणकांत पाण्‍डेय ने सुनील उपाध्‍याय की तबला संगत में मुक्‍तकंठ से गीत, कविता और गज़ल की संगीतमय प्रस्‍तुति दे कर पूरे वातावरण को उल्‍लास से भर दिया।

महान कवियों के कविता पोस्‍टर-
कार्यक्रम में शिलाओं के बीच दुनिया के महान कवियों की कविताओं को फ्रेम कर प्रस्‍तुत किया गया। शिलाओं के बीच कविताओं की यह पोस्‍टर प्रदर्शनी लोगों के लिए नया कलात्‍मक अनुभव रही। कविता पोस्‍टर अवधेश बाजपेयी की कल्‍पना रही। नगर के 30 चित्रकारों ने बैलेसिंग रॉक के इर्द गिर्द रेखांकन कर अपनी भावनाओं को प्रदर्शित किया। आज चित्रकार संतोष नामदेव, अनुराग ठाकुर, रितुराज, विवेक साहू, आदित्‍य जैन, निकिता, तान्‍या बड़कुल, अमित गुप्‍ता, डा. रेनु शाही (वाराणसी), रेणु पांडे, अजय गुप्‍ता, वासुदेव कड़ु ने विभिन्‍न रेखांकन बनाए।

गहन कला विमर्श भी हुआ-
कार्यक्रम में तमाम चित्रकारों के साथ कलाकार-चिंतक कपिल शर्मा व शेखर पटेल ने कहा कि  स्‍केचिंग क्‍लब के माध्‍यम से प्रकृति के मध्‍य कला को करना, देखना व महसूस करना एक नया अनुभव साबित हुआ है।