त्रिपुरी कांग्रेस स्मारक कमानिया गेट की आज की सुबह दूसरे दिनों की सुबह से कुछ हट कर थी। बड़े फुहारे से कमानिया गेट के बरास्ते सराफा जाने वाले महिला, पुरूष और बच्चे अंचभित थे। उनके अंचभित होने का कारण कमानिया गेट की तरफ सड़क पर चटाई बिछा कर व आसपास की दुकानों की सीढ़ियों पर बैठ कर कुछ लोग कागज में पेन व पेसिंल से कुछ उकेर रहे थे।
सड़क से निकलने वालों ने कागजों में जब झांक कर देखा तो, उन्हें रोज नज़र आने वाला कमानिया गेट कुछ हट कर दिखा। कागज से परे जब उन्होंने कमानिया गेट को देखा तो उनकी स्मृतियों में अतीत तैरने लगा। यह दृश्य था-जबलपुर स्केचिंग क्लब के तत्वावधान में चित्रकारों द्वारा रविवार की सुबह कमानिया गेट की स्केचिंग करने का। जबलपुर स्केचिंग क्लब के चित्रकारों के साथ इस गतिविधि में आज साहित्यकारों, रंगकर्मियों, पत्रकारों, छायाकारों ने भी सहभागिता की।
कमानिया गेट का रेखांकन कुछ विशिष्टता लिए हुए रहा। कुछ चित्रकारों ने कमानिया गेट का तत्कालिक यथार्थवादी रेखांकन किया तो कुछ चित्रकारों ने उसे सिर्फ इमारत या स्मारक के रूप में प्रदर्शित किया। यथार्थवादी रेखांकन में कमानिया गेट, सड़क, जीवन, बिजली के तारों का जाल और राजनैतिक पोस्टरों से ऐतिहासिक स्मारक को बदसूरत बनने व उसके धूसरित होने का चित्रण था।
वरिष्ठ पत्रकार राजेश नायक एवं डॉ योगेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि इस शहर की अपनी ऐतिहासिक और पुरानी विरासत छुपाए नहीं छुपती। शहर की आत्मा, तो अब भी 1939 के त्रिपुरी कांग्रेस अधिवेशन की स्मृति में बने कमानिया गेट के दो-तीन किलोमीटर के दायरे में पसरे पुराने जबलपुर में ही बसी हुई है। चित्रकारों के रेखांकन करने के दौरान एक वृद्ध की टिप्पणी थी कि रेखांकन को देख कर उन्होंने लम्बे समय के बाद एक बार फिर कमानिया गेट को देखा, तो सुबह की रोशनी में स्मारक की भव्यता को दिल की गहराई तक महसूस किया।
वरिष्ठ कथाकार राजेन्द्र दानी ने कहा कि प्रत्येक शहर की स्मृतियां रहती हैं, लेकिन उनको सहेजने का तरीका व शऊर भी होना चाहिए। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि जबलपुर शहर अपनी स्मृतियों को सहेज नहीं पा रहा है।
इस मौके पर वरिष्ठ रंगकर्मी सीताराम सोनी, कवि विवेक चतुर्वेदी, डा. शैलेन्द्र पांडे, छायाकार अजय धाबर्डे (एडी), छायाकार मितेश पोपट, अनुराग तिवारी, कथाकार पंकज स्वामी, नीलेन्द्र जैन, सामाजिक कार्यकर्ता धीरेन्द्र जैन, ममता नायक, दीपाली बाजपेयी उपस्थित थीं।
जबलपुर स्केचिंग क्लब की आज की गतिविधि में कमानिया गेट का रेखांकन वरिष्ठ चित्रकार अवधेश बाजपेयी, संतोष नामदेव, अभिनव सोलंकी, अभिषेक चौहान, अमन बावरिया, अनिकेत शर्मा, एस. दीक्षित, अर्पिता तिवारी, अनुश्री जैन, आस्था, निशिगंधा, प्रज्ञा पांडेय, शाम्भवी, राजकुमार, निहाल जैन, रविन्द्र केवट, प्रांजल जायसवाल, किशन यादव, मनोज विश्वकर्मा, शुभमराज, रितुराज, आदित्य जैन, विवेक साहू, आशय, प्रवीन झारिया, आदित्य सिंह सिसौदिया, सत्यम सिंह, शेखर पटेल, कबीर बाजपेयी, राजवीर सिंह, राघवश्री अग्रवाल, सृजन ने स्कैच बनाये।