एक ओर छात्रों को कॉलेज के बीते दिन याद आए, तो वहीं गरिमामयी समारोह में उन्होंने शिक्षकों का अभिनंदन किया। यह नजारा था जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में वर्ष 1972 बैच के छात्रों के पुनर्मिलन समारोह का। सबसे पहले भूतपूर्व छात्रों ने महाविद्यालय एवं छात्रावास का भ्रमण कर स्मृतियों को पुनर्जीवित किया।
कॉलेज प्रेक्षागृह में ही दीप प्रज्ज्वलन एवं मंगलाचरण के उपरांत कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। भूतपूर्व छात्रों ने उपस्थित गुरुजनों का शॉल, नारियल, स्मृति चिन्ह से सत्कार किया। इस दौरान शिक्षकों प्रो जीपी तिवारी, डॉ एलके खन्ना, डॉ एसके संत, प्रो डॉ सुहांडा, प्रो पीके जैन, डॉ अमरजीत सिंह, डॉ जीके सेन, प्रो उदय पांड्या, प्रो एनके शर्मा, डॉ मनीष चौबे, डॉ एआर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
वहीं छात्राें की आँखें उस वक्त भर आईं, जब दिवंगत छात्रों का सचित्र परिचय स्क्रीन पर पुनीत शुक्ला के सहयोग से प्रसारित किया गया। इसके बाद उपस्थित भूतपूर्व छात्रों का सपत्नीक सचित्र परिचय संदीप रॉय के सहयोग से प्रसारित हुआ। छात्रों ने कहा कि ये पल अत्यंत गौरवशाली हैं। छात्रों ने कॉलेज से जुड़ी यादें भी साझा कीं।
इस दौरान प्राचार्य पीके झिंगे ने महाविद्यालय की पूर्व एवं वर्तमान स्थितियों के बारे में बताया। भूतपूर्व छात्र व संयोजक नरेश मेहता ने बताया कि सन् 1972 में उत्तीर्ण हुए छात्रों के इस पुनर्मिलन पर एक राशि का संकलन भी किया गया है जो कि महाविद्यालय को विनम्र भेंट स्वरूप दी जाएगी, ताकि इस पीढ़ी के छात्रों को और सुविधायें प्राप्त हो सके। कार्यक्रम में श्याम विनोद दुबे, नरेंद्र बारापते, अमिताभ जैन, ओमनारायण अग्रवाल का सहयोग रहा। संचालन राहुल पाठक व विनोद श्रीवास्तव ने किया। वहीं संध्याकाल में सांस्कृतिक संध्या में सभी पूर्व छात्रों ने विविध प्रस्तुतियाँ दीं।
बांधवगढ़ का किया भ्रमण
रियूनियन के सभी छात्रों ने बांधवगढ़ नेशनल पार्क में भी अपना एक कार्यक्रम किया। वहां आदिवासियों के साथ सबने नृत्य का भरपूर आंनद उठाया। इस दौरान सबने सामूहिक रूप से बांधवगढ़ नेशनल पार्क का भ्रमण किया, जहाँ शेर को नजदीक से देख सभी रोमांचित हो उठे।