नई दिल्ली (हि.स.)। देश की राष्ट्रीय साहित्य संस्था साहित्य अकादमी इस वर्ष 70 वर्ष पूरे कर रही है। इस अवसर को स्मरणीय बनाने के लिए अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला ‘साहित्योत्सव’ इस बार विश्व के सबसे बड़े साहित्योत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। 11 से 16 मार्च तक आयोजित होने वाले इस आयोजन में 1100 से अधिक विद्वान भाग लेंगे।
रवींद्र भवन परिसर में विस्तृत जानकारी देने के लिए बुधवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि 190 से अधिक सत्रों में 1100 से अधिक प्रसिद्ध लेखक और विद्वान भाग ले रहे हैं। इसमें देश की 175 से अधिक भाषाओं का भी प्रतिनिधित्व होगा। 190 से अधिक सत्रों में आयोजित इस साहित्योत्सव की शुरुआत अकादमी की वर्षभर की प्रमुख गतिविधियों की प्रदर्शनी से होगा।
उन्होंने बताया कि साहित्योत्सव का मुख्य आकर्षण साहित्य अकादमी पुरस्कार 2023 अर्पण समारोह होगा, जो 12 मार्च को कमानी सभागार में शाम 5ः30 बजे होगा। इस पुरस्कार-अर्पण समारोह की मुख्य अतिथि प्रख्यात ओड़िआ लेखिका प्रतिभा राय होंगी। प्रतिष्ठित संवत्सर व्याख्यान प्रख्यात उर्दू लेखक एवं गीतकार गुलज़ार द्वारा 13 मार्च को सायं 6.30 बजे मेघदूत मुक्ताकाशी मंच पर होगा। 11 मार्च को साहित्य अकादमी के महत्तर सदस्यों का अभिनंदन भी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बहुभाषी कवि और कहानी-पाठ, युवा साहिती, अस्मिता, पूर्वोत्तरी जैसे नियमित कार्यक्रमों के अलावा भारत का भक्ति साहित्य, भारत में बाल साहित्य, भारत की अवधारणा, मातृभाषाओं का महत्व, आदिवासी कवि एवं लेखक सम्मिलन, भविष्य के उपन्यास, भारत में नाट्य लेखन, भारत की सांस्कृतिक विरासत, भारतीयों भाषाओं में विज्ञान कथा साहित्य, नैतिकता और साहित्य, भारतीय साहित्य में आत्मकथाएं, साहित्य और सामाजिक आंदोलन, विदेशों में भारतीय साहित्य जैसे अनेक विषयों पर परिचर्चा और परिसंवाद होंगे।
उन्होंने बताया कि छह दिन तक चलने वाले इस साहित्योत्सव में भाग ले रहे हिंदी एवं विभिन्न भारतीय भाषाओं के कुछ महत्वपूर्ण लेखक एवं विद्वान हैं-एस.एल. भैरप्पा, चंद्रशेखर कंबार, पॉल ज़कारिया, आबिद सुरती, के. सच्चिदानंदन, चित्रा मुद्गल, मृदुला गर्ग, के. इनोक, ममंग दई, एच.एस. शिवप्रकाश, सचिन केतकर, नमिता गोखले, कुल सैकिया, वाई.डी. थोंगची, मालाश्री लाल, कपिल कपूर, अरुंधति सुब्रह्मण्यम, रख़्शंदा जलील, राणा नायर, वर्षा दास, सुधा शेषाय्यन, उदय नारायण सिंह, अरुण खोपकर, शीन काफ़ निज़ाम आदि। इस साहित्योत्सव में तीन राज्यों के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान (केरल), विश्वभूषण हरिचंदन (छत्तीसगढ़) और सी.वी. आनंद बोस (पश्चिम बंगाल) विशेष रूप से भाग ले रहे हैं।