जबलपुर स्थित मांटेसरी स्कूल (शासकीय पूर्व प्राथमिक प्रशिक्षण संस्था) के वर्ष 1977-78 के 40 विद्यार्थी 44 वर्षों के पश्चात पुन: आज 26 दिसंबर को मिलेंगे। देश-विदेश में रह रहे यह विद्यार्थी प्रात: 10.00 बजे होम साइंस कॉलेज प्रांगण में स्थित मांटेसरी स्कूल में एकत्रित हो कर सामूहिक रूप से प्रवेश करेंगे। सभी पूर्व विद्यार्थी सफेद शर्ट-काला पेंट और लाल साड़ी में रहेंगे।
दो दिवसीय समारोह की शुरूआत राष्ट्र गान और स्कूल की प्रार्थना ‘’हम को मन की शक्ति देना मन विजय करें, दूसरों की जय से पहले खुद को जय करें’’ से होगी। समस्त पूर्व विद्यार्थी स्कूल की उन कक्षाओं में जाएंगे जहां उन्होंने पांच वर्ष तक विद्या का अर्जन किया है। उल्लेखनीय है कि मांटेसरी स्कूल 68 वर्ष पुराना स्कूल है। इस स्कूल के हजारों पूर्व वि़द्यार्थी देश-विदेश में विभिन्न क्षेत्रों में सेवा य योगदान दे कर प्रसिद्ध हुए हैं।
पुनर्मिलन समारोह के लिए बनाया गया विशेष लोगो
मांटेसरी स्कूल 78 के पुनर्मिलन समारोह के लिए पूर्व विद्यार्थियों द्वारा विशेष लोगो बनाया गया है। इस लोगो का अनावरण आज पूर्व विद्यार्थियों संगीता इंदुरख्या खरया, अंजना सूद, अर्चना जैन, अशेष तिवारी, अमर मेहता ने किया।
शिक्षिकाओं के साथ घंटी बजाने वाली बाई और रिक्शे वाले भैया का सम्मान-
पुनर्मिलन समारोह की संयोजक संगीता इंदुरख्या खरया, अशेष तिवारी, अमर मेहता ने जानकारी दी कि मांटेसरी स्कूल में विद्यार्थी शिक्षिकाओं को ‘दीदी’ कह कर ही संबोधित करते हैं और आज भी परम्परा कायम है। समारोह के प्रथम दिवस पूर्व शिक्षिकाओं आशा दीदी, रईसा बेगम दीदी, पॉल दीदी, रिछारिया दीदी, झिरा दीदी, रिछारिया सर के साथ स्कूल में उस समय घंटी बजाने वाली कृष्णा बाई और घर से स्कूल लाने वाले बल्ला रिक्शा वाले भैया का सम्मान किया जाएगा। पूर्व विद्यार्थी स्कूल के बाहर बेर व बिहि बेचने वाली बाई का भी सम्मान करेंगे। पूर्व विद्यार्थियों द्वारा स्कूल के वर्तमान विद्यार्थियों के कल्याणार्थ कुछ कार्यों को क्रियान्वित किया गया है, जिसके बारे में समारोह में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
समारोह के प्रथम दिवस पर पूर्व विद्यार्थी अपनी कक्षाओं में कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे। पूर्व शिक्षिकाओं द्वारा आशीर्वचन दिया जाएगा। प्रथम दिन शाम को पूर्व विद्यार्थी अपने परिवार के साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे। समारोह के द्वितीय व समापन दिवस 27 दिसंबर को पूर्व विद्यार्थी सपरिवार भेड़ाघाट का भ्रमण करेंगे।