समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत द्वारा इस सत्र की प्रथम वर्चुअल आम सभा संरक्षक मंडल सदस्य रघुनाथ मिश्र ‘सहज’ की अध्यक्षता में आयोजित हुई। देश की विभिन्न इकाइयों के समस्त पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों ने भाग लिया। सभा का प्रारंभ डॉ उमा सिंह की मधुर आवाज के द्वारा मां सरस्वती की वंदना के साथ किया गया। सभा का संचालन राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती कामिनी व्यास ‘रावल’ द्वारा किया गया तथा परिचर्चा के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला तथा परिचर्चा में निम्न एजेंडा प्रस्तुत किए गए।
- पूर्व की तरह मासिक गोष्ठियों का आयोजन।
- वर्ष भर के कार्यक्रमों का कैलेंडर बना कर सभी राज्यों की इकाइयों को भेजना।
- बालकों के विकास और प्रोत्साहन हेतु कार्यक्रम बनाकर प्रोत्साहन करना।
- 26 जनवरी को राष्ट्रीय एवं इकाई स्तर पर गोष्ठी आयोजित करना।
- सामाजिक, संस्कृतिक।और राष्ट्रीय विकास में प्रभावी योगदान हेतु न्यूज चैनल की स्थापना।
संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश व्यास ‘स्नेहिल’ ने कहा कि महिलाओं के उत्थान, युवा पीढ़ी एवं बच्चों में हिंदी भाषा और साहित्य के प्रति अलख जगाया जाए। कार्यशाला प्रभारी डॉ भावना सांवलिया ने बालकों के सृजनात्मक विकास हेतु लेखन एवं चित्र काव्य प्रतियोगिताओं का सुझाव दिया। जयपुर इकाई अध्यक्ष लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला ने संस्था के विस्तार एवं बाल विकास हेतु सुझाव दिए। मीडिया प्रभारी शशि जैन ने कहा साहित्य जगत में महिलाओं का रुझान निरंतर बढ़ रहा है। ये हमारे देश के लिए बड़े ही गर्व की बात है।
उपाध्यक्ष राव शिवराज पाल सिंह ने कहा कि आज के बच्चों को हिंदी विषय और हिंदी भाषा के प्रति रुचि जागृत करने की आवश्यकता है। हमको माध्यमिक शिक्षा स्तर से पहले ही बच्चों के लिए अनेकानेक कार्यक्रम करवाने चाहिए। इसके लिए उन्होंने अंग्रेजी कहावत “कैच देम यंग” का उदाहरण दिया। डॉ निशा अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज की युवा पीढ़ी पश्चिमी संस्कृति एवं आधुनिकता की दौड़ में अंधी हो रही है। अतः हमको भारतीय संस्कृति और भाषा का संरक्षण और हिफाजत करने हेतु नए आयाम स्थापित करने की जरूरत है।
कार्यक्रम में मधु सिंह ‘महक’, कपिल खंडेलवाल, बृज सुंदर एवं डॉ अनिल शर्मा रेनू ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जयपुर इकाई महा सचिव डॉ निशा अग्रवाल को राष्ट्रीय न्यूज चैनल का प्रभारी नियुक्त किया गया। सभी ने उनको बधाइयां दी। समरस द्वारा बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर समरस बाल काव्यशाला आरम्भ करने की घोषणा भी की गई। जो भी बच्चे इस काव्यशाला मे भाग। लेना चाहते है, संस्थान से जुड़ सकते है। सभा का समापन श्रीमती कामिनी व्यास द्वारा आभार के साथ संपन्न हुआ।