सूर्य ग्रह वृश्चिक राशि 16 नवंबर 2021 से हैं और बुध ग्रह 20 नवंबर से वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे हैं, चंद्रमा भी और 4 दिसंबर को वृश्चिक राशि में रहेंगे। केतु ग्रह पूर्व से ही वृश्चिक राशि में है। मंगल ग्रह 5 दिसंबर को प्रातः 5 बजकर 29 मिनट से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। इस प्रकार 4 दिसंबर को चतुर्ग्रही योग और 5 दिसंबर को कुछ समय के लिए पंचग्रही योग बन रहा है।

आइए पहले 4  ग्रहों सूर्य चंद्र बुध और केतु के एक साथ वृश्चिक राशि में और कुछ समय के लिए 5 तारीख को मंगल का भी योग साथ में होने पर सभी राशियों पर पढ़ने वाली प्रभाव के बारे में विवेचना करते हैं।

इन पांच ग्रहों में चंद्रमा और बुध अस्त रहेंगे। इन दोनों ग्रहों का असर अत्यंत अल्प होगा। सूर्य ग्रह अपने मित्र के राशि में अर्थात मंगल में रहेगा तथा केतु उच्च का होकर वृश्चिक राशि में विराजमान होगा। खेत के साथ में होने के कारण सूर्य का धनात्मक प्रभाव कम हो जाएगा एवं ऋणात्मक प्रभाव बढ जाएगा।

मेष राशि में यह संयोग अष्टम भाव में मृतक के भाव में होगा जिसके कारण मेष राशि वालों के कोई दुर्घटना हो सकती है। यह दुर्घटना किसी कन्फ्यूजन के कारण होगी।

वृष राशि के जातकों में यह संयोग सप्तम भाव में होगा। जिससे आपके जीवन साथी के साथ विवाद हो सकता है। किसी तरह का कन्फ्यूजन पैदा हो सकता है। शादी तय होने में भी दिक्कत आ सकती है।

मिथुन राशि वालों के लिए यह संयोग ठीक है। शत्रुओं को परेशानी होगी। अगर आप बीमार है तो अच्छे डॉक्टर मिलने में दिक्कत आ सकती है।

कर्क राशि के जातकों में यह संयोग पंचम भाव में आ रहा है, जिससे उनके पुत्र पुत्रियों को कष्ट होने की संभावना है।

सिंह राशि के जातकों के लिए यह संयोग चतुर्थ भाव में है, जिसके कारण उनके सुख में कमी आएगी और वे सुख का कोई नया सामान नहीं खरीद पाएंगे।

कन्या राशि के जातकों में तृतीय भाव में आएगा, जिसके कारण उनके भाई बहन को कष्ट होगा और उन्हें भाई बहनों से सहयोग प्राप्त नहीं होगा।

तुला राशि के जातकों के लिए यह संयोग द्वितीय भाव में आएगा। धन प्राप्ति में बाधा आएगी और व्यापार में गिरावट हो सकती है।

वृश्चिक राशि में यह संयोग लग्न में होगा जिससे स्वास्थ्य में गिरावट होगी।

धनु राशि के जातकों में यह द्वादश भाव में होगा, उनके लिए इस प्रकार का संयोग लाभप्रद होगा। उनके खर्चे में कमी आएगी।

मकर राशि के जातकों में यह संयोग एकादश भाव में है, जिसके कारण धन लाभ में कमी होगी।

कुंभ राशि के जातकों में यह संयोग दशम भाव में है, जिसके कारण सहकर्मियों के साथ विवाद संभव है।

मीन राशि के जातकों में यह संयोग नवम भाव में होगा और भाग्य में कमी लाएगा।

देखते हैं कि चार और पांच ग्रहों का मेल मिथुन राशि, धनु राशि के जातकों के लिए लाभप्रद है, सभी राशियों के लिए यह संयोग लाभप्रद नहीं है।

पं अनिल कुमार पाण्डेय
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता
एस्ट्रो साइंटिस्ट और वास्तु शास्त्री
स्टेट बैंक कॉलोनी, मकरोनिया
सागर, मध्य प्रदेश- 470004
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