अमर प्रेम का परिचायक करवा चौथ का व्रत: यहां जानिए चंद्रमा का उदयकाल

ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय
प्रश्न कुंडली एवं वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ

करवा चौथ हिन्दूओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रमुख व्रत है यह व्रत अपने जीवन साथी के लंबी उम्र के लिए रखा जाता है, इसका प्रचार उत्तर एवं पश्चिम भारत में ज्यादा है। अमर प्रेम का परिचायक होने के कारण वर्तमान परिवेश में यह पूरे भारतवर्ष एवं विश्व में फैल गया है। पहले इस त्यौहार पहले इस व्रत को केवल हिंदू महिलाएं रखती थी, परंतु अब पुरुष भी अपना प्रेम प्रकट करने के लिए इस व्रत को रखने लगे हैं।

यह व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। यह व्रत प्रातःकाल से प्रारंभ होता है, कथा चंद्रोदय के बाद चंद्रमा के दर्शन कर एवं चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही भोजन एवं जल ग्रहण किया जाता है। इस व्रत में शिव पार्वती स्वामी कार्तिकेय गणेश तथा चंद्रमा का पूजन करना चाहिए। पूजा के बाद तांबे या मिट्टी के पात्र जिसे करवा कहा जाता है, उसमें चावल उड़द की दाल श्रृंगार सामग्री तथा रुपया रख कर दान देना चाहिए।

इस व्रत के दौरान चलनी की ओट से चंद्रमा को देखने की भी परंपरा है। स्त्रियां पूर्ण सज-धज कर के अपने पति का मुख भी देखती हैं और उनको आदर भी प्रदान करती है। इस व्रत का उल्लेख महाभारत में मिलता है। जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने गृहस्थी की सभी तकलीफों को दूर करने के लिए द्रोपदी को इस व्रत के बारे में बताया था। तभी से भारतवर्ष की स्त्रियां इस व्रत का पालन कर रही हैं।

करवा चौथ के दिन चंद्रमा का उदय काल

इस व्रत में चंद्रमा को देखने का बड़ा महत्त्व है। जैसा कि हम पूर्व में बता चुके हैं दिनभर निराहार रहकर रात को चांद के निकलने पर चांद को देखकर ही यह व्रत समाप्त किया जाता है । कई बार बादलों के कारण चांद दिखाई नहीं देता है। यह पता करने में परेशानी आती है कि चांद अभी उदय हुआ या नहीं। इसी परेशानी को ध्यान रखते हुए भारत के प्रमुख शहरों में 13 अक्टूबर 2022 को चंद्रमा के उदय का समय दिया जा रहा है।

दिल्ली 08:09:22 बजे
जबलपुर 08:10:15 बजे
भोपाल 08:20:32 बजे
इंदौर 08:28:09 बजे
उज्जैन 08:27:31 बजे
ग्वालियर 08:10:56 बजे
प्रयागराज 07:57:32 बजे
लखनऊ 07:58:16 बजे
मुंबई 08:47:44 बजे
कोलकाता 07:36:49 बजे

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