बिजली कार्मिकों पर अन्यायपूर्ण कार्यवाही बंद करे कंपनी प्रबंधन, यूनाइटेड फोरम ने एमडी को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर के प्रांतीय संयोजक व्हीकेएस परिहार ने मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक को पत्र लिखकर कर कहा है कि 27 जून 2022 को यूनाइटेड फोरम के प्रतिनिधियों के साथ आपसे सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई चर्चा के दौरान फोरम द्वारा पूर्व क्षेत्र कम्पनी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कम्पनी प्रबंधन द्वारा की जा रही कार्यवाहियों को रोकने हेतु भी चर्चा की गई थी, किन्तु उक्त चर्चा के पश्चात् भी आपके द्वारा ली जा रही साप्ताहिक वीडियों कान्फ्रेंसिंग में, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुये अत्याधिक कार्यवाही हेतु निर्देश दिये जा रहे हैं, जिससे अधिकारियों एवं कर्मचारियों में आक्रोश उपजने के साथ ही वे भयाक्रांत भी हैं।

एमडी को लिखे पत्र में कहा गया है कि वितरण कंपनी के (संचा/संधा) संभाग के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पास कार्य की अधिकता है जिसमें उन्हें कई कार्य, एक साथ किये जाने हेतु लगातार लक्ष्य प्रदान किये जा रहे हैं एवं उनमें से किसी लक्ष्य की पूर्ति नहीं होने पर कारण बताओ नोटिस तत्काल जारी कर दिये जा रहे है। वर्तमान में (संचा/संधा) के कर्मचारियों को राजस्व के लक्ष्य के साथ-साथ क्यूआर कोडिंग, सिंचाई एवं सामान्य उपभोक्ताओं के ट्रिपल आरडीएस का सर्वे एवं डीएफएलएफ, 100 प्रतिशत उपभोक्ताओं का मीटराईजेशन, टेरिफ में एलव्ही-1.1 से  एलव्ही- 1.2 में परिवर्तन, लाइन मेन्टेनेन्स, ट्रांसफार्मर में मीटर रिपलेसमेन्ट आदि कार्य करने पड़ रहे हैं।

लेकिन कार्यों के समानान्तर में लक्ष्य अनुरुप कार्य करने हेतु (संचा/संधा) सम्भाग के कर्मचारियों को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। मैदानी अधिकारियों द्वारा अपनी पूर्ण क्षमता से उक्त कार्यों को पूर्ण करने की प्रयास किये जा रहे है, लेकिन किसी न किसी कार्य में न चाहते हुये भी लक्ष्य प्राप्त नहीं हो पाता है, जिसके फलस्वरुप अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारियों को भी कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वे हतोत्साहित हैं एवं उनका मनोबल गिर रहा है।

फोरम ने कहा कि कम्पनी प्रबंधन के निर्देशानुसार (संचा/संधा) संभाग द्वारा समस्त सिंचाई एवं सामान्य उपभोक्ताओं की क्यूआर कोडिंग की जाना है. उक्त क्यूआर कोडिंग, मीटर रीडरों के द्वारा कराई जा रही है, जिसमें मीटर रीडरों को कोई अतिरिक्त राशि भी प्रदान नहीं की जा रही है। जिससे क्यूआर कोडिंग में मीटर रीडरों द्वारा कुछ उपभोक्ताओं का लोड नहीं भरा गया है। उक्त क्यूआर कोडिंग अधूरी रहने के फलस्वरुप कम्पनी प्रबंधन द्वारा समस्त 20 अधीक्षण अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं एवं उनसे 100 मेनडेज प्रति 15 दिवस की वसूली  वेतन से किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है जो कि नियम विरूद्ध एवं अन्यायपूर्ण है।

वहीं राजस्व वसूली हेतु आपके द्वारा हर माह लक्ष्य के विरुद्ध में आने वाली रिकवरी का प्रतिशत बढ़ाया जा रहा है। पूर्व में लक्ष्य के विरुद्ध में 50 प्रतिशत रिकवरी न आने पर कारण बताओ नोटिस दिये जाते हुये वर्तमान तक के लक्ष्य के विरुद्ध 80 प्रतिशत रिकवरी न आने पर कारण बताओ सूचना पत्र प्रदान किया जा रहा है। जिससे कि लगभग समस्त (संचा/संधा) अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र प्रदान किये जा चुके हैं। इस कार्यवाही में आपके द्वारा 50 से अधिक कारण बताओ नोटिस जारी किये जा चुके हैं, जबकि इस संबंध में कम्पनी द्वारा फील्ड के अधिकारियों को न ही अतिरिक्त संसाधन प्रदान कर रहे हैं न ही ऐसी कोई प्रक्रिया अपनाई जा रही है जिससे कि राजस्व के लक्ष्य में वृद्धि हो सके। मात्र कार्यवाही किये जाने से रिकवरी में वृद्धि हो पाना सम्भव नहीं है।

व्हीकेएस परिहार ने कहा कि कई वर्षों से कंपनी प्रबंधन द्वारा मैदानी क्षेत्रों में मानव संसाधन एवं अन्य संसाधन पर्याप्त उपलब्ध नहीं हैं, जिसे उपलब्ध कराया जाना आवश्यक था, जिससे कि कंपनी के राजस्व के साथ-साथ उपभोक्ताओं को सतत विद्युत प्रदाय किया जा सके। लेकिन कंपनी द्वारा केवल विजिलेंस विभाग में संचा/संधा विभाग से अधिकारियों की पदस्थापना कर विजिलेन्स को प्रभावी बना कर कर फील्ड में चैंकिग कराई जा रही है एवं वहां पर पाई जाने वाली अनियमितताओं के आधार पर मैदानी अधिकारियों पर कार्यवाहियां प्रस्तावित की जा रही है, जो कि किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं है।

कम्पनी प्रबंधन द्वारा विजिलेन्स चैंकिंग में बनाये गये प्रकरणों की राशि की रिकवरी का भी लक्ष्य (संचा/संधा) अधिकारियों को दिया गया है। उक्त रिकवरी के कम प्रतिशत रह जाने के कारण समस्त अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है एवं उक्त रिकवरी की राशि की कटौती उनके वेतन से किये जाने के संबंध में लेख किया गया है, जबकि स्पष्ट हो कि विजिलेन्स के प्रकरण की रिकवरी की राशि की वसूली की जाना अत्याधिक कठिन होता है। उक्त रिकवरी में विवाद होने की बहुत अधिक सम्भावना होती है, जबकि यह राशि न्यायालय के माध्यम से एवं लोक अदालत के जरिये से आसानी से वसूल कर ली जाती है, किन्तु इस हेतु अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी को दोषी बनाकर कार्यवाही की जाना अनुचित है।

व्हीकेएस परिहार ने कहा कि पूर्व क्षेत्र कम्पनी में की जा रही इस तरह की नियमविरूद्ध एवं अन्यायपूर्ण कार्यवाही का मप्र यूनाईटेड फोरम विरोध करता है एवं आपसे यह अपेक्षा करता है कि तत्काल इस तरह की कार्यवाही पर रोक लगाये एवं की जा चुकी समस्त कार्यवाहियों को वापस ले, ताकि समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों का मनोबल बना रहे एवं वे स्वस्थ्य वातावरण में काम कर सकें, जिससे कम्पनी के कार्य हेतु उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि समय रहते यदि इन कार्यवाहियों को नहीं रोका जाता है, उस स्थिति में फोरम कड़े निर्णय लेने को बाध्य होकर 7 दिवस के नोटिस पर संपूर्ण मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर में कार्य बहिष्कार जैसे कड़े निर्णय लिये जा सकते हैं।