जर्जर नहरों ने बढ़ाई जबलपुर के किसानों की परेशानी, अंतिम छोर तक पानी पहुंचना हुआ मुश्किल

जबलपुर में स्थित रानी आवंतीबाई लोधी सागर परियोजना (बायीं तट) के मुख्य अभियंता डीएस ठाकुर एवं अपर नर्मदा जोन (दायीं तट) के मुख्य अभियंता राममणि शर्मा के कार्यालयों में अलग-अलग जबलपुर जिले के किसान प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित हुई, जिसमें नहर विभाग के जिले के वरिष्ठ अधिकारी कार्यपालन यंत्री श्रीमती संगीत दिवाकर, एसडीओ पाटन एके अग्निहोत्री, एसडीओ शहपुरा टीके मसूरकर आदि उपस्थित थे।

किसान प्रतिनिधियों ने 4 घंटे चली इस बैठक में जिले में अधिकांश नहरों की जर्जर हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए स्पष्ट कहा कि यदि समय पर सुधार कार्य नहीं किये गए तो इस वर्ष  किसानों को सिंचाई हेतु पानी ही नही मिल पायेगा, अंतिम छोर तक पानी पहुंचने की तो दूर की बात है।

किसानों ने कहा कि नहरें इतनी कमजोर हैं कि ओवर फ्लो के कारण टूटने के डर से कम पानी छोड़ा जाता है, जिससे अंतिम छोर तक पानी पहुंचना संभव ही नहीं हो पाता। नहरों के निर्माण में हुई खामियों व अनियमितताओं का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

भारत कृषक समाज  महाकौशल के अध्यक्ष के के अग्रवाल ने कहा कि विडंबना है कि वर्तमान में निर्मित नहरों के पचास प्रतिशत हिस्से का ही उपयोग सिंचाई हेतु हो पा रहा है। सिंचाई के लक्ष्य के फर्जी आंकड़े प्रस्तुत किये जाते हैं जबकि वास्तविकता में सिंचाई के लिए पानी का दोहन आधा ही हो पा रहा है।…

     इस अवसर पर दोनों मुख्य अभियंताओं को जिले में अधिक क्षतिग्रस्त नहरों की जानकारियों से अवगत कराते हुए तुरंत मरम्मत कराए जाने की मांग की गई। खेद व्यक्त किया गया कि आपस में तालमेल व समन्वय की कमी के चलते अधिकारियों द्वारा मनरेगा से मरम्मत व सफाई के लिए  प्रस्ताव पर कार्यवाही में भी उदासीनता बरती जा रही है। अधिकारी मैदानी स्थिति से मुह मोड़ते दिखते है तथा अत्यंत सुस्त व अपने दायित्यो के प्रति उदासीन हैं।

बैठक में उपस्थित कृषि वैज्ञानिक डॉ बीडी अरजरिया ने धान की गभोट की अवस्था सितंबर में जब मानसून भी शिथिल रहता है तब पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की। मुख्य अभियंताओं ने मरम्मत के कार्य समय सीमा में पूर्ण करने आश्वस्त किया। बैठक में निर्णय हुआ कि मुख्य अभियंता की उपस्थिति में अधिकारियों के साथ किसान प्रतिनिधियो की बैठकें पनागर, सिहोरा, पाटन में या जहाँ किसान चाहेंगे, आयोजित की जाएंगी। क्षेत्रीय स्तर पर निगरानी व सुझाव समितियां बनाने तथा मैदानी स्थिति की जानकारियो से अवगत होने एवं तत्परता से कार्य संचालित करने हेतु किसान प्रतिनिधियो के साथ अधिकारियों का दौरा रखने का भी निर्णय लिया गया।

बैठक में भारत कृषक समाज से केके अग्रवाल, रूपेंद्र पटेल, डॉ ब्रजेश अरजरिया, रामगोपाल पटेल, विजय पटेल, रामकिशन पटेल, बल्देव होलानी, बद्री प्रसाद चौबे, प्रताप सिंह, रामेश्वर अवस्थी, किसान सेवा सेना से जितेंद्र देसी, देवराज त्रिपाठी, जयप्रकाश पटेल, महेन्द्र कुर्मी, संदीप पटेल, श्रीकांत महेरे, आनंद पटेल, धनेशपुरी, भुवनेश्वर महेरे तथा भाकिस से आलोक कुर्मी, सुरेंद्र पटेल आदि उपस्थित थे।