Thursday, April 25, 2024
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मप्र में 5 अक्टूबर को ठप्प हो सकती हैं विद्युत सेवाएं, संयुक्त मोर्चा ने किया प्रदर्शन का ऐलान

केन्द्र सरकार द्वारा पूरे देश की वितरण कंपनियों के निजीकरण एवं उत्तरप्रदेश में निजीकरण के विरोध में शांति पूर्ण आंदोलन पर दमनकारी नीतियां अपनाने के विरोध में मध्य प्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी संगठनों ने 5 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। इस दौरान प्रदेश में विद्युत सेवाएं ठप्प हो सकती हैं।

मध्यप्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों के अधिकारी एवं कर्मचारी संगठनों द्वारा 1 अक्टूबर को बैठक कर केन्द्र सरकार द्वारा सभी प्रदेशों की वितरण कंपनियों का निजीकरण करने हेतु स्टेडर्ड बिड डाक्यूमेंट जारी कर सभी वितरण कंपनियों के नि जीकरण करने की योजना का विरोध करने हेतु मध्यप्रदेश विद्युत निजीकरण विरोधी संयुक्त मोर्चा का गठन किया गया है।

केन्द्र सरकार द्वारा पूरे देश की वितरण कंपनियों के निजीकरण एवं उत्तरप्रदेश में निजीकरण के विरोध में शांति पूर्ण आंदोलन पर दमनकारी नीतियां अपनाने के विरोध में फोरम द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि 5 अक्टूबर को निजीकरण का विरोध करने एवं उत्तरप्रदेश कर्मचारी संयुक्त समिति के समर्थन में मध्यप्रदेश में काली पट्टी लगाकर, जिला, संभाग प्रमुखों को प्रधानमंत्री के नाम जबलपुर में प्रबंध संचालक मप्रपूक्षेविविकंलि , भोपाल में प्रबंध संचालक मप्रमक्षेविविकंलि , इंदौर में प्रबंध संचालक मप्रपक्षेविविकंलि एवं सभी जिला मुख्यालय में कलेक्टर को ज्ञापन देने एवं साथ सभी जिला व वृत्त एवं पॉवर हाउस मुख्यालयों पर गेट मीटिंग कर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।

संयुक्त मोर्चा के संज्ञान में यह भी आया है कि केन्द्र सरकार एवं उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा उत्तरप्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति मोर्चा के 5 अक्टूबर कार्य बहिष्कार को निष्प्रभावी बनाने हेतु सभी प्रदेशों से अभियंताओं कर्मचारियों को भेजने हेतु अनुरोध किया गया। इसका भी संयुक्त मोर्चा सख्त विरोध करता है एवं मांग करता है कि मध्यप्रदेश से किसी भी कर्मचारी एवं अधिकारी को उत्तरप्रदेश न भेजा जाये। संयुक्त मोर्चा यह भी अनुरोध करता है कि विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण के प्रस्ताव को तत्काल रद्द किया जाये।

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