मध्य प्रदेश के किसानों द्वारा उत्पादित बिजली ऊर्जा विभाग खरीदेगा: ऊर्जा मंत्री तोमर

पीएम कुसुम योजना में किसानों द्वारा उत्पादित बिजली ऊर्जा विभाग द्वारा खरीदी जायेगी। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह बात पीएम कुसुम-अ योजना में सौर ऊर्जा उत्पादकों के लिये मिन्टो हॉल में आयोजित कार्यशाला में कही। कार्यशाला में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि किसानों द्वारा सोलर प्लांट लगाने पर लगभग 10 लाख रुपये का खर्च आयेगा, जबकि इससे लगभग 50 से 60 लाख रुपये की आय होगी। सोलर प्लांट लगभग 25 वर्ष तक आय देगा। मंत्री द्वय ने चयनित किसानों और विकासकों को लेटर ऑफ अवार्ड प्रदान किये।

ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि हमारे कोयला और तेल जैसे ऊर्जा के संसाधन कम हो रहे हैं, लेकिन सूर्य देव की कृपा सबके ऊपर समान रूप से है। इसका उपयोग कर हम प्रदेश में बिजली का उत्पादन बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा उत्पादित बिजली की बिक्री से जो लाभ होगा, उससे उनके जीवन में नई खुशियाँ आयेंगी।ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली की बचत करें, जिससे बिजली बिल कम आये और आपका पैसा बचे। प्रदेश की कुल विद्युत खपत की लगभग 25 प्रतिशत पूर्ति नवकरणीय ऊर्जा द्वारा हो रही है।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री डंग ने कहा कि सोलर ऊर्जा के रूप में जो बीज आप डालोगे, वह वर्षों आपको लाभान्वित करेगा। प्लांट लगाने के लिये बैंक से लोन भी सरलता से मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसान के साथ आप उद्योगपति भी बनने जा रहे हैं। श्री डंग ने बताया कि रीवा के सोलर प्लांट से दिल्ली की मेट्रो ट्रेन चल रही है। विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट ओंकारेश्वर में बन रहा है। इससे 600 मेगावॉट सौर ऊर्जा मिलेगी।

भारत सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा कुसुम-‘अ’ योजना के तहत प्रदेश में कुल 300 मेगावॉट क्षमता का आवंटन किया गया है। ऊर्जा विकास निगम द्वारा अब तक निविदा के दो चरणों में कुल 42 निविदाकर्ताओं का सौर ऊर्जा उत्पादक के रूप में चयन कर 75 मेगावॉट क्षमता का आवंटन किया जा चुका है। निविदाकर्ताओं में 40 किसान और 2 विकासक शामिल हैं।

आवंटन में मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के 11 जिलों के 31 सब-स्टेशन के 32 सौर ऊर्जा उत्पादक, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के 4 जिलों के 4 सब-स्टेशन के 4 सौर ऊर्जा उत्पादक और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के 4 जिलों के 6 सब-स्टेशन के 6 सौर ऊर्जा उत्पादक शामिल हैं। संयंत्रों से उत्पादित विद्युत मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी द्वारा खरीदी जायेगी।