ऊर्जा मंत्री ने दिया बिजली कर्मियों की मांगे पूरी करने का आश्वासन, यूनाइटेड फोरम की दो टूक कैंसिल नहीं होगा आंदोलन

मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लाईज एवं इंजीनियर के प्रदेश संयोजक व्हीकेएस परिहार की सतना सर्किट हाऊस में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के साथ बैठक आयोजित की गई।

बैठक में फोरम की मांगों के सम्बंध मे चर्चा की गई, ऊर्जा मंत्री के द्वारा मांगें पूरी करने का लिखित आश्वासन दिया गया। साथ ही आगे वृहद चर्चा के लिये फोरम के प्रतिनिधि मंडल को 23 अगस्त को दिन भोपाल बुलाया है। फोरम प्रतिनिधियों ने ऊर्जा मंत्री से यह स्पष्ट कहा है कि बगैर लिखित आदेश के 24, 25, 26 अगस्त को होने वाला तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार आन्दोलन स्थगित नहीं होगा।

एमपी यूनाइटेड फोरम द्वारा 10 अगस्त एक दिवसीय कार्य बहिष्कार एवं 24, 25, 26 तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार प्रस्तावित किया गया था एवं मांगें ना माने जाने पर 6 सितंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार आंदोलन का नोटिस दिया गया है, लेकिन ऊर्जा मंत्री ने कार्य बहिष्कार हड़ताल को संज्ञान में लेते हुए तत्काल फोरम के प्रतिनिधिमंडल को सतना में वार्ता के लिए बुलाया और संगठन के पदाधिकारियों को स्पष्ट आश्वासन दिया कि 23 तारीख में आप भोपाल मीटिंग के लिए आइए हम आपकी मांगों पर लिखित में सहमति देंगे।

बिजली कर्मियों की मांग-

1. केंद्र सरकार वितरण कंपनियों के निजीकरण के लिए प्रस्तावित विद्युत सुधार अधिनियम-21 लागू न करे।

2. सभी वर्गों के संविदा विद्युत कर्मियों को आंध्र प्रदेश और बिहार की तरह नियमितीकरण किया जाए।

3. ठेका कर्मियों की सेवा सुरक्षित रखते हुए तेलंगाना, दिल्ली व हिमाचल प्रदेश की तरह भर्ती की जाए।

4. विद्युत कंपनी के सभी अधिकारी कर्मचारीयो को फ्रंट लाइन कर्मचारियों की श्रेणी में रखकर मुख्यमंत्री कोविड-19 का लाभ दिया जाए।

5.रिटायर होने के बाद लंबित ग्रेच्युटी, जीपीएफ, अवकाश नकदीकरण, पेंशन आदि वर्षों से लंबित देय भुगतान तत्काल किया जाए।

6. विद्युत कंपनियों में वरिष्ठता और उच्चवेतनमान के आधार पर सभी वर्गों में रिक्त उच्च पदों के चालू प्रभार प्रदान किए जाएं और रिक्त पदों को भरा जाए।

7. मध्य प्रदेश शासन के नियमानुसार सभी प्रकार के मृत्यु प्रकरणों में विद्युत अधिकारी-कर्मचारयों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।

8. राष्ट्रीय पेंशन योजना में शासकीय अंशदान वेतन और मंहगाई भत्ते का 14 प्रतिशत किया जाए।

9. नियामक आयोग के निर्देशानुसार 750 करोड़ रुपये की राशि पेंशन ट्रस्ट में जमा कर उत्तर प्रदेश शासन की तरह राज्य शासन पेंशन गारंटी लेकर पेंशन का भुगतान ट्रेजरी से कराए।

10. सातवें वेतनमान की विसंगतियों का निराकरण किया जाए। इसमें वर्ष 2006 के पूर्व एवं बाद में नियुक्त अभियंताओं में वर्गीकरण किया गया है।

11. ट्रांसमिशन कंपनी में नियुक्त आईटीआई की योग्यता रखने वाले परीक्षण सहायक को तृतीय श्रेणी में रखकर 2500 रुपये का ग्रेड-पे निर्धारित किया जाए।

12. वर्ष 2018 के बाद नियुक्त अधिकारी कर्मचारियो के लिए पुरानी वेतन व्यवस्था लागू की जाए।

13. अनुभाग अधिकारी के ग्रेड पे को राज्य शासन के वित्त विभाग के आदेश अनुसार 4400/ में संशोधित ग्रेड पे 4200/- से 4800/- के समान वृद्धि की जाए।

14. वेतनमान से संबंधित सभी वर्गों की विसंगतियों का निराकरण किया जाए।

15. विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों में मानव संसाधन से संबंधित नियमो में एक रूपता प्रदान की जाए।

16. कंपनी कैडर में कार्यरत सभी नियमित और संविदा कर्मचारियों को गृह जिले में पदस्थ करने की नीति लागू की जाए।

17. कंपनी कैडर के सभी नियमित और संविदा कर्मचारी-अधिकारियों को 50 प्रतिशत और सेवानिवृत कर्मचारी-अधिकारियों को बिजली बिल में 25 प्रतिशत छूट दी जाए।

18. केंद्र के द्वारा घोषित महंगाई भत्ते और 2 वर्षों से रोकी गई वेतन वृद्धि लागू कर बकाया राशि का भुगतान किया जाए।

19. सभी कंपनियों में संगठनात्मक संरचना पुनर्गठित कर खाली पदों को तत्काल भरा जाए।

ऊर्जा मंत्री के साथ वार्ता के दौरान यूनाइटेड फोरम के संयोजक एवं प्रतिनिधि मंडल ने स्पष्ट कर दिया है जब तक सभी मांगों पर लिखित में आदेश प्राप्त नहीं होता, आगामी 24 अगस्त से तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार आंदोलन को कैंसिल नहीं किया जाएगा।