पहले अनुमोदन अब आपत्ति: एमपी में अधिकारियों की गलती का खामियाजा भुगत रहे कर्मचारी एवं पेंशनर्स

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि जबलपुर पेंशन कार्यालय में रिटायर या मृत कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं में अनावश्यक आपत्तियां लगा कर भारी परेशान किया जा रहा है। मोर्चा पदाधिकारियों ने आपत्ति के नाम पर कर्मचारियों को परेशान करने की कटु निंदा की है।

बताया जा रहा है कि जिन सेवा पुस्तकाओं में 10 या 20 वर्ष पूर्व वेतन निर्धारण की जांच कर अनुमोदन किया गया था, आज उसी में आपत्ति लगाई जा रही है। वसूली के नाम पर लेख किया जा रहा कि 10 रुपया या 15 रुपया माह अधिक भुगतान किया गया है, उसकी वसूली की जाए, वसूली के वाउचर, दिनाँक का स्टेटमेंट 8 कापी में मांगा जा रहा है।

इसके अलावा पेंशन कार्यालय के उगाही वाले अफसर कार्यभारित स्थापना के कर्मचारियों को तीन वर्ष पश्चात नियमित वेतनमान में करने के आदेश को भी नहीं मान रहे। नियमित करने के पश्चात अनेक बार वेतनमान की जांच भी हो चुकी है। पांच वर्ष पश्चात यह लाभ मिलना था, जो तीन वर्ष में दे दिया गया, यह आपत्ति लगाई जा रही है।

मध्यप्रदेशअधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने पूर्व में अनुमोदन करने वाले अफसरों की ग़लती की सजा रिटायर कर्मचारियों या मृत कर्मचारियों की विधवा पत्नी उनके अनाथ बच्चों को देने की घोर निंदा की है। यदि गलत अनुमोदन किया गया है तो अनुमोदन करने वाले अधिकारियों से वसूली होनी चाहिये, कर्मचारियों को दर-दर नहीं भटकाना चाहिए। कार्यालयों से सेवा पुस्तिकाओं को पेंशन स्वीकृत के लिए भेजा जाता है, लेकिन मजाकिया तौर की तरह हस्ताक्षर स्पष्ट ना दिखना, पद मुद्रा स्पष्ट ना होना, ओव्हर राइटिंग, हस्ताक्षर में गलती पूर्व में वेतन निर्धारण की जांच होने के पश्चात भी उसी में आपत्ति लगाई जा रही है।

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अटल उपाध्याय, नरेश शुक्ला, विश्वदीप पटेरिया, संतोष मिश्रा, रविकांत दहायत, संजय गुजराल, मुकेश चतुर्वेदी, देव दोनेरिया, एसके बांदिल, प्रशांत सोंधिया, योगेश चौधरी, मुकेश मरकाम, धीरेन्द्र सिंह, अजय दुबे, योगेंद्र मिश्रा, नरेंद्र सेन, चंदू जाऊलकर ने कोषालय द्वारा अनावश्यक लगाई जा रही आपतियों की घोर निंदा करते हुए कर्मचारियों के देयकों को नियमानुसार भुगतान करने की मांग की है।