मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारी नियुक्ति से सेवानिवृत्ति तक एक ही पद पर कार्य करने मजबूर

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में वर्षों से कार्यरत कोरोना योद्वा लगभग 20 वर्षो से एक ही पद पर कार्य करने मजबूर हैं उन्हें आज तक एक भी पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाया है। लिपिकीय कर्मचारी एवं जमीनी कार्यकर्ता एमपीडब्ल्यू, एएनएम, सुपरवाईजर, एलएचव्ही, लैव टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट कंपाउंडर, मलेरिया निरीक्षक और बीईई पदोन्नति की लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं।

वहीं उच्च श्रेणी के पदों से जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उनके पद आज भी रिक्त पडे हुए हैं। यहां तक कि शासन और अधिकारियों द्वारा उच्च श्रेणी के पदों का पदभार दायित्व भी नहीं दिया जा रहा है, जिससे कर्मचारी अपने मूलपद से ही सेवानिवृत्त हो रहे, जबकि पदोन्नति से शासन को किसी भी प्रकार का वित्तीय भार भी नहीं आयेगा, उन्हें सिर्फ उच्चपद का पदनाम ही मिल पायेगा। 

प्रदेश सरकार द्वारा विगत दिनों पदोन्नति नीति भी जारी कर दी गई है, जिसमें अब पदोन्नति करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने कोरोना काल में लगातार 24 घंटे अपनी सेवायें दी हैं, परंतु शासन द्वारा उनको पदोन्नति न करने से कर्मचारियों में अत्यंत रोष व्याप्त है। 

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर वेग, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डेय, शरद मिश्रा, मुकेश मिश्रा, आशुतोष तिवारी, शैलेन्द्र दुबे, अमित पटेल, मनोज सिंह, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, प्रवीण वर्मा, सीएन शुक्ला, चूरामन गूजर, संदीप चौबे, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, निशांक तिवारी, नवीन यादव, परशुराम तिवारी, राकेश वर्मा, सतीश देशमुख, रमेश काम्बले, पंकज जायसवाल, प्रीतोष तारे, शेरसिंह, मनोज सिंह, अभिषेक वर्मा, वीरेन्द्र पटेल, रामकृष्ण तिवारी, रितुराज गुप्ता, अमित गौतम, अनिल दुबे आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जल्द से जल्द स्वास्थ्य विभाग में भी कोरोना योद्वा, पैरामेडीकल स्टाफ एवं लिपिकीय कर्मचारियों की भी पदोन्नति की जाये।