एमपी में स्वास्थ्य कर्मियों को अब तक नहीं मिला मानदेय, कोरोना योद्धाओं का शोषण बन्द करे सरकार

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मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि स्वास्थ्य विभाग में इस समय जंगल राज के चलते कोरोना टीकाकरण में लगे कोरोना योद्धाओं को मानदेय नहीं दिया जा रहा है, इस प्रकार प्रशासन उन्हें उनके मौलिक अधिकारों से वंचित कर रहा है।

संघ ने बताया कि कोरोना टीकाकरण का कार्य विगत 3 माह से लगातार जारी है। नये तुगलकी आदेश के अनुसार अवकाश के दिनों में भी अब टीकाकरण किया जाना है, इस दौरान न तो उन्हें मानदेय दिया जा रहा है और न ही यात्रा भत्ता दिया जा रहा है।

टीकाकरण कार्य हेतु अचानक मौखिक आदेश दिये जा रहे हैं, जिससे कर्मचारी मरते-जीते कार्यस्थल पर पहुंचता है। इस दौरान अनहोनी दुर्घटनाओं का शिकार भी हो रहे हैं। कार्यस्थल पर न तो भोजन की व्यवस्था और न ही पीने के पानी की व्यवस्था है।

कोरोना वायरस केवसंक्रमण के इस दौर में उन्हें सुरक्षा साधन भी उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं। प्रशासन के तुगलकी आदेश से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में जहां एक ओर भय का वातावरण निर्मित है, वहीं दूसरी ओर शासन के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, मुन्नालाल पटैल, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, सुरेन्द्र जैन, डॉ संदीप नेमा वीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटैल, अजय दुबे, साहिल सिद्दीकी, आलोक रोस्टा, प्रशांत श्रीवास्तव, गोपाल नेमा, रमेश उपाध्याय, राजकुमार मिश्रा, मो. तारिख, धीरेन्द्र सोनी. प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, महेश कोरी, श्याम सुन्दर तिवारी, अभिषेक मिश्रा, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, प्रणव साहू, गणेश उपाध्याय आदि ने कलेक्टर जबलपुर से मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग में चल रहे जंगल राज पर रोक लगाते हुए कोरोना टीकाकरण कार्य में लगे कर्मचारियों की सुरक्षा का प्रबंध कर, उन्हें सम्मानजक मानेदय प्रदान किया जाये।