दैवेभो से बेगार प्रथा बंद कराई जाए, शासन के आदेश को ठेंगा दिखा दे अधिकारी 

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मध्य प्रदेश तृतीय  वर्ग शासकीय कर्मचारी  संघ ने जारी विज्ञप्ति में ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 1996 से लघु वेतन, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से अफसरों के बंगलो में कराई जाने वाली बेगारी भोजन पकाना, झाड़ू लगाना, कपड़े धुलाई, कुत्ता टहलाना आदि कार्य लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

शासन के इस प्रतिबंध के बाद भी प्रदेश के साथ-साथ जिले के लोक निर्माण विभाग लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सिंचाई विभाग वन विभाग सहकारिता, स्वास्थ्य उद्यान, राजस्व आदि विभागों में छोटे से लेकर बड़े अफसर अपने अधीनस्थ लघु वेतन, दैवेभो कर्मचारियों से ऑफिस के साथ-साथ अपने बंगलों घरों पर बेगारी का कार्य भोजन पकाना, कपड़े धुलवाना, अपना निजी वाहन चलवाना आदि कार्य अधिकारियों द्वारा कराया जा रहा है, जिससे इन सभी कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

संघ के अर्वेद्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेंद्र दुबे, मुकेश सिंह, मुन्ना लाल पटेल, वीरेंद्र तिवारी, घनश्याम पटेल, अजय दुबे, बृजेश मिश्रा, गोविंद बिल्थरे, डीडी गुप्ता, रजनीश तिवारी, तरुण पंचोली, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, मो तारिक, धीरेंद्र सोनी, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, विनय नामदेव, अभिषेक मिश्रा, सोनल दुबे, देव दत्त शुक्ला, बृजेश गोस्वामी, महेश कोरी आदि ने कलेक्टर जबलपुर से मांग की है कि लघु वेतन, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से बेगारी बंद कराई जावे अन्यथा संघ धरना आंदोलन हेतु बाध्य होगा।