एमपी की बिजली कंपनी ने उपभोक्ता को भेज दिया 34 अरब रुपए का बिल, विद्युत कर्मियों पर गिरी गाज

मध्य प्रदेश की बिजली कंपनी ने एक उपभोक्ता को 34 अरब 19 करोड़ 53 लाख 25 हजार 293 रुपए रुपए का बिजली बिल भेज दिया, जिसके बाद महिला विद्युत उपभोक्त और उसके पिता का ब्लड प्रेशर बढ़ गया और  दोनों को अस्पताल ले जाना पड़ा।

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के शहर ग्वालियर में कंपनी ने दो मंजिला मकान का बिजली बिल 34 अरब से ज्यादा भेज दिया। मोबाइल पर बिल का मैसेज आते ही पहले तो परिवार को लगा कि कोई गड़बड़ होगी, लेकिन जब ऑनलाइन चेक किया तो यही रकम दिख रही थी। जिसके बाद मकान मालकिन और उसके पिता का ब्लड प्रेशर बढ़ गया। दोनों को हॉस्पिटल ले जाना पड़ा।

इस मामले की जानकारी लगते ही  विभाग ने जांच की तो पता चला कि बिजली कर्मचारी ने बिल की राशि में मीटर रीडिंग की जगह सर्विस नंबर भर दिया था। इसके बाद यह बिल जनरेट हुआ। जिसके बाद अब घर का बिल घटाकर 1300 रुपए कर दिया गया है।

वहीं इस गलती पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बड़ी कार्यवाही की है, ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर कंपनी प्रबंधन ने एक कर्मचारी को बर्खास्त, तो दूसरे को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही जूनियर इंजीनियर को भी नोटिस जारी किया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ग्वालियर के सिटी सेंटर मेट्रो टावर के पीछे शिव विहार कॉलोनी में एडवोकेट संजीव अपनी पत्नी और ससुर के साथ रहते हैं। घर का मीटर उनकी पत्नी प्रियंका गुप्ता के नाम पर है। प्रियंका गृहणी हैं। संजीव ने बताया कि पत्नी के मोबाइल पर पिछले हफ्ते मैसेज आया। इसमें इस बार का उनका बिजली बिल 34 अरब 19 करोड़ 53 लाख 25 हजार 293 रुपए का बताया गया। बिल देखते ही पत्नी और ससुर राजेंद्र प्रसाद गुप्ता का बीपी बढ़ गया। उनके ससुर हार्ट पेशेंट हैं। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

संजीव ने बताया कि 30 जुलाई तक बिल भरना था, नहीं तो पेनाल्टी भी लगनी थी। इसके बाद उन्होंने बिजली विभाग के कई चक्कर लगाए। अफसरों को अपनी बात समझाई। बिजली विभाग के अफसरों ने भी गलती मानी और करेक्शन कराया। बिजली कंपनी ने तो इसे मानवीय भूल बता दिया, लेकिन इससे हमारे घर के लोगों की तबीयत बिगड़ गई।