एमपी की विद्युत वितरण कंपनियों का निजीकरण बर्दाश्त नहीं, सरकार को भेजा 5 सूत्रीय मांगपत्र

मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजिनियर्स के प्रान्तीय संयोजक व्हीकेएस परिहार के द्वारा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को मांग पत्र प्रेषित कर केंद्र सरकार के द्वारा विद्युत वितरण के क्षेत्र में निजीकरण के लिए जारी स्टेंडर्ड विड डॉक्युमेंट को मध्य प्रदेश में लागू न किये जाने की मांग की गई है।

इसके अलावा फोरम ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण,आउट सोर्स कर्मचारियों की सेवाएं सुरक्षित करने, शासन के द्वारा विद्युत अधिकारी कर्मचारियों की पेंशन गारंटी लेने, कंपनी कैडर व संविदा के कर्मचारियों को 50 प्रतिशत बिजली की छूट एवं 25 प्रतिशत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बिजली की छूट प्रदान करने के साथ-साथ प्रदेश सरकार द्वारा स्थगित किए गए महंगाई भत्ता एवं वार्षिक वेतन वृद्धि को तत्काल चालू कर बकाया राशि के भुगतान की मांग भी पत्र में कई गई है।

इसके साथ ही युनाटेड फोरम ने निर्णय लिया है कि शासन के द्वारा 15 दिवस पर उपरोक्त मांगो पर संज्ञान न लिए जाने पर यूनाइटेड फोरम आंदोलन हेतु बाध्य होगा। जिससे प्रदेश की बिजली आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह से लड़खड़ा सकती है। विद्युत कंपनियों का निजीकरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।