दर-दर भटक रहे रिटायर मृत कर्मचारियों के अनाथ बच्चे: अफसर खा गए फंड का पैसा

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेन्द्र दुबे ने  कार्यभारित स्थापना के कर्मचारियों की भविष्य निधि राशि अफसरों द्वारा डकार जाने का आरोप लगाया है। अफसरों के निकम्मेपन के कारण विभागीय भविष्य निधि (डीपीएफ) का पैसा कर्मचारियों के खातों से गायब है।

उन्होंने बताया कि समयपाल, चौकीदार, खानसामा, वाहन, चालक, भृत्य, हेल्पर, माली, पम्प अटेंडेंट, कैनाल कर्मियों की 25 से 30 वर्षों की नौकरी के मासिक वेतन से काटी गई फंड की राशि कार्यालय प्रमुख खा गए है। इसलिए कर्मचारियों की लाखों रुपये की राशि कोष, लेखा एवं पेंशन की पर्ची से गायब है।

उनका कहना है कि कंप्यूटर में लेखा पर्ची में जमा पैसे ही कर्मचारियों के रिटायर होने या मृत होने पर उनके आश्रितों को दी जाती है। राशि जमा न होने पर भुगतान नहीं किया जाता। अपने ही पैसों के लिए कर्मचारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। वहीं मृत कर्मचारियों के परिजन भी फंड के भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे हैं। अफसर डीपीएफ को जीपीएफ में बदलने से राशि गायब होना बता रहे है।

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, संजय गुजराल, रविकांत दहायत, अजय दुबे, एसके वांदिल, सिहोरा तहसील अध्यक्ष योगेन्द्र मिश्रा, धीरेंद्र सिंह, विश्वदीप पटेरिया, संतोष मिश्रा, नरेश शुक्ला, मुकेश चतुर्वेदी, योगेश चौधरी, देव दोनेरिया, प्रशांत सोधिया, प्रदीप पटैल, मुकेश मरकाम, नरेंद्र सेन, नेतराम झारिया, आशीष उपाध्याय, संदीप नेमा, रजनीश पांडेय, शहजाद सिंह द्विवेदी ने भविष्य निधि की राशि कर्मचारियों के खातों में  तत्काल जमा करने की मांग की है। मोर्चा पदाधिकारियों ने रिटायर हो चुके कर्मचारियों को जल्द एरियर्स बनाकर देने की माँग की है। गायब राशि खातों में जमा नहीं कि गई तो संबंधित कार्यालय प्रमुखों के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया जाएगा।