एमपी के सरकारी स्कूल प्रभारी प्राचार्य के भरोसे, रिक्त पदों पर हो नियमित पदस्थापना

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि स्कूल शिक्षा विभागान्तर्गत लगभग 750 हायर सेकेण्डरी एवं 1600 हाई शासकीय हाई में नियमित प्राचार्य की पदस्थापना न होने से वे प्रभारी प्राचार्य के भरोसे चल रहे हैं। शिक्षा विभाग में व्याख्याता से हाई स्कूल प्राचार्य एवं हाई स्कूल प्राचार्य से हायर सेकेण्डरी प्राचार्य के पद पर पदोन्नति का प्रावधान है।

वर्तमान में पदोन्नति पर रोक होने के फलस्वरूप सरकारी स्कूलों में नियमित प्राचार्य नहीं होने के कारण स्कूल के प्रशासनिक एवं आर्थिक कार्य सजगता से निपटने में कठिनाइयां आ रही हैं।  साथ ही नियमित प्राचार्य की पदस्थापना न होने से स्कूलों के शैक्षणिक स्तर में भी गिरावट आ रही है। प्रदेश सरकार स्कूलों की स्थिति में सुधार लाने हेतु करोड़ों रूपये प्रतिवर्ष खर्च कर रही है। यदि स्कूल शिक्षा विभाग ऐसे व्याख्याता एवं प्राचार्य हाई स्कूल जो कि वरिष्ठ हैं और उन्हें वरिष्ठ वेतनमान के फलस्वरूप प्राचार्य हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी का वेतनमान प्राप्त हो रहा है, उन्हें प्राचार्य हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी में पदस्थापना की जाती है तो स्कूलों में प्रशासनिक एवं आर्थिक कसावट आने के साथ-साथ शैक्षणिक स्तर में भी अत्याधिक सुधार संभव हो पायेगा। 

संघ के योगेन्द्र दुबे, अरवेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, जवाहर केवट, प्रह्लाद उपाध्याय, मुन्ना लाल पटेल, नरेन्द्र सेन, मनोज राय, शहजाद सिंह द्विवेदी, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डेय, रजनीश पाण्डेय, अजय दुबे, अरूण दुबे, विनोद साहू, बलराम नामदेव, अजय राजपूत, गोपाल पाठक, हरीशंकर गौतम, गणेश चतुर्वेदी, केके तिवारी, कैलाश शर्मा, लक्ष्मरण परिहार, हर्ष मनोज दुबे, राजेश चतुर्वेदी आदि ने मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग को ईमेल भेजकर मांग की है कि शासकीय हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों में रिक्त प्राचार्य के पदों पर वरिष्ठ व्याख्याता एवं प्राचार्य हाई स्कूल जिन्हें वरिष्ठ वेतनमान के फलस्वरूप प्राचार्य हाई स्कूल  तथा हायर सेकेण्डरी का वेतनमान प्राप्त हो रहा है, उनकी पदस्थापना की जाये।