जिस पद पर हुई नियुक्ति, उसी पर सेवानिवृत्ति: एमपी में 15 वर्षों से नहीं मिली पदोन्नति

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने राज्य शासन के कर्मचारियों को पुलिस विभाग की तर्ज पर वेतनमान के अनुरूप कार्यवाहक पदोन्नति प्रदान करने की मांग की है। संघ ने बताया कि राज्य शासन के कर्मचारियों को विगत 15 वर्षों से पदोन्नति का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है, जिससे कर्मचारी जिस पद पर नियुक्त हुए उसी पद पर सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

शासन द्वारा समय-समय पर समयमान वेतन के साथ साथ उसी पद का पदनाम तथा कार्य भी प्रदान कर दिया जाना चाहिए। इसमें शासन को किसी भी प्रकार का वित्तीय भार भी नहीं आयेगा और कर्मचारियों का मनोबल एवं कार्यशैली प्रबल होगी एवं गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे शासन को फायदा होगा।

शासन की घोर उदासीनता के कारण कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं हो पा रही है, जिससे पूरे जीवनकाल में एक पद पर कार्य करते हुए ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। पदोन्नति नहीं होने से उच्च पद के सैकड़ों पद रिक्त पड़े हुए हैं, जिससे शासकीय कार्य में भी बाधा उत्पन्न हो रही है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, मुकेश सिंह, संजय यादव, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डेय, ब्रजेश मिश्रा, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, परशुराम तिवारी, मनोज सिंह, मुकेश मिश्रा, रवि महलोनिया, नीरज मिश्रा, अमित पटेल, विनीत विश्वकर्मा, तुषरेन्द्र सेंगर, जवाहर केवट, नीरज कौरव, सतीश देशमुख, सीएन शुक्ला, चूरामन गूजर, पंकज जायसवाल, योगेश कपूर, अमित गौतम, शैलेन्द्र दुबे, नवीन यादव आदि ने मुख्यमंत्री को ईमेल कर राज्य शासन के कर्मचारियों को शीघ पदोन्न्ति प्रदान करने की और पदोन्नति न करने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है।