एमपी: जिन्दगी और मौत के बीच झूल रहा संविदा लाइनमैन: कौन लेगा नियम विरुद्ध कार्य कराये जाने की जिम्मेदारी

सरकार की अनदेखी और मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों के प्रबंधनों की उदासीनता और लापरवाही के चलते लाइनमैनों की जिन्दगी से खिलवाड़ जारी है। एक ओर जहां संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी शोषण का शिकार हो रहे हैं, वहीं उनके साथ होने वाली दुर्घटनाओं के बाद कंपनी प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेता है।

स्थिति है कि अधिकारियों द्वारा नियम विरुद्ध और दबाव बनाकर कार्य कराने से उन्हें मौत से भी जूझना पड़ता है। कंपनी प्रबंधन की लापरवाही से अनेक लाइन कर्मी अब तक मौत के मुंह में समा चुके हैं। यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर एक संविदा लाइन कर्मी से नियम विरुद्ध कार्य कराये जाने की जिम्मेदारी कौन लेगा।

ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सामने आया है, जहां एक संविदा लाइनमैन कार्य के दौरान दुर्घटना का शिकार होकर ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार 7 जुलाई को एचटी साउथ भोपाल शहर के संविदा लाइन अटेंडेंट जितेन्द्र मरावी उम्र 23 वर्ष सुबह 8 बजे पोल पर कार्य करते समय डबल सर्किट से इंडक्शन लगने के कारण पोल से सिर के बल नीचे आ गिरा है।

इस दुर्घटना में लाइन कर्मी के सिर में गंभीर चोट आई है और उसका इलाज भोपाल के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। साथी कर्मियों के अनुसार उसका एक ऑपरेशन है चुका है और उसे लगातार ब्लड चढ़ाया जा रहा है। साथी कर्मियों ने बताया कि पोल से सिर के बल गिरने के कारण उसके सिर में गंभीर चोट पहुंचने के कारण अत्यधिक ब्लड निकल गया था।
वहीं लाइन अटेंडेंट को अभी तक होश नहीं आया है, उसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिये ऐसी उम्मीद की जा रही है कि उसके साथी, जिससे जैसी हो सके वो मदद करे, ताकि इस मुसीबत की घड़ी में उनके परिवार को अपनों के द्वारा थोड़ा सहारा मिल सके। सहायता करने के इच्छुक साथी उसके भाई राहुल मरावी के बैंक अकाउंट में सहायता राशि पहुंचा सकते हैं। जो ये है-

Rahul Maravi
A/C Number- 39450329125
IFSC Code- SBIN0012169
PhonePe Mobile Number- 7389488322

इस मामले में मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि कार्य के दौरान बिजली बंद करने के परमिट लेने के बाद भी भी सप्लाई चालू कैसे हुई। वहीं संविदा लाइन कर्मी को पोल पर चढ़कर कार्य करने का अधिकार ही नहीं है, ऐसे में उसके साथ हुई दुर्घटना की जिम्मेदारी कौन लेगा।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार और विद्युत कंपनियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते अनेक लाइन कर्मी मौत के मुंह में जा रहे हैं। नई भर्ती नहीं होने से लाइन कर्मियों की बेतहाशा कमी हो चुकी है। जिसके कारण मौजूदा लाइन कर्मियों पर दबाव बनाकर नियम विरुद्ध कार्य कराया जा रहा है, जिससे लाइन कर्मी दुर्घटना का शिकार होते जा रहे हैं।