Thursday, May 9, 2024
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बिजली कंपनी के रिश्वतखोर सहायक अभियंता को 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड

बिजली लाइनों के मेंटेनेंस बिलों के भुगतान के बदले 5 प्रतिशत कमीशन की मांग कर बिलों का भुगतान करवाने वाले बिजली कंपनी के रिश्वतखोर सहायक अभियंता विकास शर्मा को विशेष न्यायालय के प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार राठी की अदालत द्वारा 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

विशेष लोक अभियोजक श्रीमति ज्योति गोयल ने बताया कि प्रकरण का फरियादी बिजली कंपनी का ए श्रेणी ठेकेदार अभयराज पचौरी के द्वारा लोकायुक्त में शिकायत की गई थी कि वह विद्युत विभाग में अपने बिल पास कराने गया तो विद्युत कार्यालय विदिशा के सहायक इंजीनियर विकास शर्मा द्वारा फरियादी के 1,18,000 रुपये के बिल के सत्यापन हेतु 5 प्रतिशत के हिसाब से उससे 5000 रुपये रिश्वत की मांग की गयी।

जिसकी लोकायुक्त के निरीक्षक व्हीके सिंह द्वारा जांच की गई। जांच के दौरान फरियादी अभयराज पचौरी के द्वारा आरोपी विकास शर्मा से वार्तालाप रिकाॅर्ड की गई। वार्तालाप में पाया गया कि विकास शर्मा के द्वारा पांच हजार रुपये की मांग की जा रही है। लोकायुक्त भोपाल के ट्रेप दल के द्वारा विकास शर्मा को दिनांक 28/12/2019 को फरियादी अभयराज पचौरी से 5000 रुपये लेते हुए रंगे हांथ पकड़ा।

ट्रेप दल का नेतृत्व लोकायुक्त के तात्कालीन निरीक्षक व्हीके सिंह वर्तमान उप पुलिस अधीक्षक के द्वारा किया गया। प्रकरण की विवेचना भी व्हीके सिंह द्वारा की गई। प्रकरण की अग्रिम विवेचना निरीक्षक मनोज पटवा ने की। विवेचना उपरांत आरेापी विकास शर्मा के विरूद्ध अभियेाग पत्र विशेष न्यायालय विदिशा के समक्ष पेश किया गया।

विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षीगण के कथन कराये गये और अंतिम तर्क प्रस्तुत किये गये। न्यायालय ने अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्क पर विचार करते हुए आरोपी को रिश्वत मांगने एवं लेने के आरोप में दोषी पाते हुए धारा 7 में 4 वर्ष सश्रम कारावास एवं 5000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियेाजक लोकायुक्त श्रीमति ज्योति गोयल, जिला विदिशा द्वारा सशक्त पैरवी की गई।

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