न बीमा कराती है न सहायता राशि देती है बिजली कंपनियां, कर्मी के इलाज में लगे 6 लाख लेकिन मिले सिर्फ 1.70 लाख

मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियां गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति के लिए करंट का जोखिमपूर्ण कार्य करने वाले लाइन और तकनीकी कर्मियों को दुर्घटना होने पर गुणवत्तापूर्ण उपचार भी उपलब्ध नहीं करवा पा रही हैं।

बिजली कंपनियों का प्रबंधन लगातार मांग के बावजूद न तो जोखिम का कार्य करने वाले कर्मियों का कैशलैस स्वास्थ्य बीमा करवा रहा है और न ही उन्हें बेहतर उपचार के लिए पर्याप्त सहायता राशि प्रदान कर रहा है। इतना ही नहीं अगर किसी गंभीर रूप से घायल कर्मचारी के परिजन विवश होकर जमीन-मकान बेचकर या कर्ज लेकर उपचार करा भी लें तो कंपनी प्रबंधन नाममात्र की सहायता राशि स्वीकृत कर अपने दायित्व को पूर्ण समझ लेता है।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि विगत 3 नवंबर 2023 को दोपहर 12:45 बजे मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के कैमोर स्थित 132 केवी सब-स्टेशन के अंदर विद्युत कर्मी सुनील कोल उम्र 38 वर्ष डिस्चार्ज रॉड कंधे में रखकर ले जा रहा था, इसी दौरान करंट के संपर्क में आने से डिस्चार्ज रॉड सब-स्टेशन के अंदर खड़ी हो गई, जिसकी वजह से विद्युत कर्मी को अत्यधिक करंट लगने से उसका पूरा शरीर जल गया।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि सहयोगियों के द्वारा घायल कर्मी का तत्काल कटनी में प्राथमिक उपचार कराया गया और उसके बाद डॉक्टर के द्वारा गंभीरता को देखते हुए जबलपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल के आईसीयू बर्न वार्ड में भर्ती किया गया।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली कर्मी के उपचार में परिजनों के द्वारा लगभग 6 लाख रुपये खर्च किए गए, लेकिन पावर ट्रांसमिशन कंपनी के द्वारा सिर्फ 1.70 लाख रुपये ही स्वीकृत किए हैं। वहीं विद्युत कर्मी की इलाज के दौरान 8 नवंबर 2023 को शाम 5 बजे मृत्यु हो गई, इसके बाद 9 नवंबर 2023 को परिजनों के द्वारा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कर्मी का पोस्टमार्टम कराया गया।

संघ के शशि उपाध्याय, रमेश रजक, एसके मौर्य, केएन लोखंडे, अजय कश्यप, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, विनोद दास, महेश पटेल, ख्याली राम, पीके मिश्रा, विपतलाल विश्वकर्मा, इंद्रपाल सिंह, संदीप यादव, पवन यादव आदि ने पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक से मांग की है कि मृत विद्युत कर्मी सुनील कोल के परिवार के आश्रित को यथाघीघ्र बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।

इसके अलावा घायल विद्युत कर्मी के परिवार के पास इलाज के लिए पर्याप्त राशि नहीं होने की वजह से सहायक अभियंता एसके चतुर्वेदी के द्वारा व्यक्तिगत रूप से रूची लेकर घायल विद्युत कर्मी के इलाज में सहयोग किया गया, संघ के सभी पदाधिकारियों के द्वारा इस मानवीय कार्य के लिए बिजली अधिकारी की हृदय से सराहना की गई।