Sunday, September 29, 2024
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मप्र सरकार के निर्देश को हवा कर दिया प्राइवेट स्कूल संचालकों ने, अभी तक नहीं दी फीस की जानकारी

उज्जैन (हि.स.)। प्रदेश के सभी प्रायवेट स्कूल संचालकों को उनके यहां नवीन शिक्षा सत्र में बढ़ाई गई फीस की जानकारी 8 जून तक जिला शिक्षा विभाग को देना थी। यहां से जानकारी प्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग को भेजी जाना थी। प्राइवेट स्कूल संचालकों ने समय पर जानकारी नहीं दी। अब स्कूली शिक्षा विभाग ने आखिरी तारीख बढ़ाकर 24 जून कर दी है। सूत्रों के अनुसार प्राइवेट स्कूल संचालकों ने यह जानकारी भेजने में कोई रूचि नहीं दिखाई।

प्रदेशभर के अभिभावकों की ओर से यह बात जोरों से आ रही थी कि निजी स्कूल संचालक मनमानी फीस बढ़ा देते हैं, शासन का उन पर कोई अंकुश नहीं रहता है। इसके चलते लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रायवेट स्कूलों पर सख्ती की और उन्हे निर्देश दिए कि वे 8 जून तक अपने-अपने जिलों के जिला शिक्षाधिकारियों के पास इस शिक्षा सत्र में बढ़ाई गई फीस की समस्त जानकारी भेजें।

सूत्रों के अनुसार प्राइवेट स्कूल संचालकों ने इस आदेश की कोई परवाह नहीं की और अधिकांश स्कूल संचालकों ने जानकारी नहीं भेजी। इस पर स्कूली शिक्षा विभाग ने डेड लाइन बढ़ाकर 24 जून कर दी। शासन के यह भी निर्देश थे कि गत वर्ष और इस वर्ष की फीस की राशि पोर्टल पर भी दर्ज करें। इस पर भी अनेक स्कूल संचालकों ने अमल नहीं किया।

प्रदेश के सभी जिला शिक्षाधिकारियों को आया कड़ा पत्र

भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक के.के. द्विवेदी ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को नाराजगी व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखा है। पत्र में स्पष्ट किया है कि प्राइवेट स्कूल संचालकों ने पोर्टल पर फीस वृद्धि की जानकारी दर्ज नहीं की है। मनमानी फीस वृद्धि अभिभावकों पर बोझ बनती जा रही है। इसलिए इस बार फीस रेगुलेटरी एजेंसी जल्द हरकत में आए और जो स्कूल पोर्टल पर अपनी जानकारी दर्ज नहीं कर रहे हैं,उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही जुर्माना भी लगाया जाए।

यह है जुर्माना के नियम

पहले स्कूलों द्वारा फीस की जानकारी अपलोड करने की प्रक्रिया का निर्धारित शुल्क एक से 5 हजार रुपए था। जुर्माने का प्रावधान नहीं था। अब प्रावधान किया गया है कि-

* 2 हजार या अधिक छात्र संख्या वाले स्कूल 25 जून तक फीस की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं करेंगे तो उन पर 25 हजार रू.जुर्माना लगेगा।

* 1001 से 2000 तक छात्र संख्या वाले स्कूलों पर 15 हजार रू.जुर्माना लगेगा।

* 501 से एक हजार तक छात्र संख्या संख्या वाले स्कूलों पर 10 हजार रू. जुर्माना लगेगा।

* 500 तक छात्र संख्या वाले स्कूलों पर 5 हजार रु. जुर्माना लगेगा।

आदेश एमपी बोर्ड और सीबीएसई दोनों पर लागू

प्रदेश के लोक शिक्षण संचालनालय ने उक्त जानकारी देने एवं जुर्माना के नियम एमपी बोर्ड एवं सीबीएसई,दोनों पद्धति से संचालित प्राइवेट स्कूलों पर लागू किया है।

जिला शिक्षाधिकारी, उज्जैन आनंद शर्मा के अनुसार जिले के प्राइवेट स्कूल संचालकों ने जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की है और न ही विभाग को भेजी है। ऐसे में 24 जून तक जानकारी भेजने की तारीख बढ़ाने की सूचना उन तक पहुंचाई जा रही है, ताकि वे समय से पूर्व जानकारी भेज दें। लोक शिक्षण संचालनालय इस बार सख्ती के मूड में है। जानकारी अपलोड न होने पर भारी नाराजगी व्यक्त की गई है।

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