Saturday, May 4, 2024
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किसानों को रबी फसलों में डीएपी पर ही निर्भर न होकर काम्पलेक्स उर्वरक देने की सिफारिश

इन दिनों रबी फसल की बुवाई तेजी से चल रही है, जिसमें गेहूँ, चना, मटर, मसूर, सरसों, अलसी संभाग के जिलों की मुख्य फसलें हैं। जिसमें प्राय: किसानों द्वारा अनुशंसित उर्वरकों की पूर्ति के लिये डीएपी यूरिया का प्रयोग किया जाता है जो कि एक लोकप्रिय किन्तु महंगा आदान है। 

जबलपुर संभाग में संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने किसानों को यह सलाह दी है कि यूरिया, डीएपी के स्थान पर काम्पलेक्स उर्वरक (NPK) मिश्रण का उपयोग करें। जिसमें नाइट्रोजन एवं फास्फोरस तत्वों के साथ-साथ सल्फर एवं पोटाश तत्व की पूर्ति भी हो सके। सल्फर तिलहनी फसल सरसों, राई में उपज बढ़ाने के साथ-साथ दाने में तेल की मात्रा में वृद्धि करता है।

काम्पलेक्स मिश्रण में 85% फास्फोरस घुलनशील अवस्था में होने से फसल को उपलब्धता बरकरार रहती है। साथ ही पोटाश तत्व दाने में चमक लाने का कार्य करता है। डीएपी यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता न होने पर विकल्प के रूप में जैसे सिंचित गेहॅू हेतु अनुशंसित उर्वरक एनपीके (120:60:40) किग्रा/हे., की पूर्ति के लिए विकल्प-1 यूरिया 261 किग्रा/हे. एसएसपी 375 किग्रा/हे. एमओपी 67 किग्रा/हे. है। इसी प्रकार अन्य विकल्प-2 यूरिया 130 किग्रा/हे., एनपीके 28:28:0 214 किग्रा/हे. एवं एमओपी 67 किग्रा/हे., विकल्प-3 यूरिया 130 किग्रा/हे., एनपीके (20:20:0) किग्रा/हे. 300 किग्रा/हे. एवं एमओपी 67 किग्रा/हे., विकल्प-4 यूरिया 213 किग्रा/हे., एनपीके ( 20:20:0) 231 किग्रा/हे. एमओपी 23 किग्रा/हे. सिंचित गेहूं के लिये पोषक तत्व की प्रतिपूर्ति हेतु किसी भी एक विकल्प को किसान अपना सकते हैं।

इसी प्रकार रबी की अन्य फसल के लिए भी विकल्प उपलब्ध हैं जिसके लिये संबंधित जिले के उप संचालक कृषि कार्यालय/कृषि विस्तार अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है। संभाग के जिलों में निम्नानुसार एनपीके काम्पलेक्स मिश्रण उपलब्ध है। जिसका उपयोग कृषक बन्धुओं को करने की सलाह दी जाती है।

जिला जबलपुर में 1621 मै.टन, कटनी में 1028 मै.टन, मण्डला में 448 मै.टन, डिण्डौरी में 153 मै.टन, बालाघाट में 1076 मै.टन, छिन्दवाड़ा में 1690 मै.टन, सिवनी में 1530 मै.टन और नरसिंहपुर में 1847 मै.टन एनपीके काम्पलेक्स मिश्रण उपलब्ध हैं। मै.टन संयुक्‍त संचालक कृषि ने कहा कि इस प्रकार डी.ए.पी यूरिया के विकल्प के रूप में एनपीके काम्पलेक्स का उपयोग कर आदान की लागत को कम कर अधिक उत्पादन एवं लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

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