एमपी में ऑनलाईन किये जायें शिक्षकों के स्थानांतरण: पिछली सरकार की नीति का अनुसरण करे विभाग

मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बिना किसी पूर्व तैयारी के आनन-फानन में विभाग की आधी-अधूरी स्थानांतरण नीति जारी की गई है। जिसके अनुसार स्थानांतरण हेतु इच्छुक शिक्षकों एवं कर्मचारियों को आवेदन करने का मात्र 3 दिन का समय दिया गया है। अल्प समय एवं जटिल प्रक्रिया के कारण स्थानांतरण के इच्छुक शिक्षक आवेदन ही नहीं कर पाये हैं।

विभाग द्वारा रिक्त पदों की सूची पोर्टल पर अपडेट की जानी थी, किन्तु अधिकृत सूची आज दिनांक तक पोर्टल पर अपलोड नहीं हो सकी, जिससे शिक्षक स्थानांतरण से वंचित हो रहे हैं। पिछली सरकार द्वारा पाददर्शी ऑनलाईन स्थानांतरण की नीति के कारण हजारों शिक्षक जो दूर-दराज पदस्थ थे, अपने निवास स्थान के करीब स्थानांतरित होकर पहुंच गये हैं।

पिछली सरकार के अच्छे कार्यो का अनुसरण करते हुए शिक्षकों के ऑन लाईन स्थानांतरण किये जाने पर विचार करने हेतु संघ द्वारा सुझाव दिया गया है। जब शासन द्वारा अपने सभी विभागों का कार्य ऑनलाईन पोर्टल पर किये जा रहे हैं, फिर ऐसा क्या कारण है कि स्थानांतरण को ऑफलाईन किये जाने का निर्णय किया गया है? इस प्रक्रिया से जहां एक ओर भाई-भतीजावाद के साथ ही साथ भ्रष्टाचार के भी बढने का अंदेशा बना रहेगा। वहीं दूसरी ओर वह शिक्षक स्थानांतरण से वंचित हो जायेंगे, जिन्हें वास्तव में स्थानांतरण की अत्यंत आवश्यकता है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, मुन्ना लाल पटैल, राजेश चतुर्वेदी, मनोज खन्ना, बृजेश मिश्रा, डॉ संदीप नेमा, मनीष चौबे, तरूण पंचौली, नितिन अग्रवल, गगन चौबे, मनोज सेन, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, विजय कोष्टी, मनीष लोहिया, सुदेश पाण्डे, प्रणव साहू, गणेश उपाध्याय आदि ने स्कूल शिक्षा मंत्री से ईमेल भेजकर मांग की है कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों के स्थांतरण प्रक्रिया सरलीकरण करते हुए ऑनलाईन स्थानांतरण नीति लागू की जाये।