जिला स्तर पर हो स्थानांतरण, मप्र शिक्षा विभाग की दोषपूर्ण नीति का कर्मचारी संघ ने किया विरोध

मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अपनी स्थानांतरण नीति को केन्द्रीयकृत करते हुए संपूर्ण अधिकार अपने पास सुरक्षित रखे गये हैं, जिसके तहत जिले के अन्दर के स्थानांतरण के साथ-साथ अंतर जिला स्थानांतरण भी एक साथ करने की तैयारी चल रही है।

लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा अपने हितों को दृष्टिगत रखते हुए ऐसी नीति निर्धारित की गई है जिससे जिले के अन्दर स्थानांतरण हेतु इच्छुक शिक्षकों की अपेक्षा अन्य जिलों से आने वाले शिक्षकों को प्राथमिकता दी जा रही है।

जबकि होना तो यह था कि जिले के अन्दर इच्छुक शिक्षकों को पहले अवसर प्रदान करते हुए उनके मनचाहे स्थान पर स्थानांतरित किया जाता, तत्पश्चात रिक्त पदों पर अन्य जिलों से आने वाले शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाता। ऐसा नहीं करने से जिले के सैंकडों शिक्षक अपने स्वैच्छिक स्थानांतरण के हक से वंचित हो जाएंगे। संघ शिक्षकों के हित में इस दोषपूर्ण स्थानांतरण नीति का विरोध करता है।

संघ के संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, जवाहर केवट, प्रहलाद उपाध्याय, मुन्ना लाल पटैल, नरेन्द्र सेन, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, मनोज राय, शहजाद द्विवेदी, रजनीश पाण्डे, अजय दुबे, सतीश उपाध्याय, अरूण दुबे, विनोद साहू, बलराम नामदेव, अजय राजपूत, गोपाल पाठक, हरिशंकर गौतम, गणेश चतुर्वेदी, के.के. तिवारी, कैलाश शर्मा, लक्ष्मण परिहार, हर्ष मनोज दुबे, श्यामनाराण तिवारी, संतोष तिवारी, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक आदि ने स्कूल शिक्षा मंत्री से ईमेल भेजकर मांग की है कि शिक्षा विभाग में जिला स्तर के स्थानांतरण के पश्चात ही अंतर जिला स्थानांतरण किये जाये।