देवास (हि.स.)। देवास जिले में फसलक्षति मुआवजा वितरण में वित्तीय अनियमितता के करने पर कन्नौद-खातेगांव-सोनकच्छ अनुभाग में पदस्थ 16 पटवारियों की संबंधित अनुविभागीय अधिकारी द्वारा सेवा समाप्त कर दी गई है। इस संबंध में कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने सोमवार को आदेश जारी किए हैं। इसके पहले टोंकखुर्द के दो पटवारी और सोनकच्छ एवं कन्नौद के दो लिपिकों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं।
सोमवार को जिन पटवारियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, उनमें बंशीलाल डाबर, प्यारसिंह सोलंकी, अमित कुशवाह, दिनेश सिसोदिया, दिलीप यादव, भैयालाल नरगावे, महेन्द्र मण्डलोई, नंद किशोर शर्मा, अनिरूद्ध यादव, अनिल धुर्वे, रायसिंह देवड़ा, विकास सरोठिया, नवीन धीमान, अर्जुन वर्मा, रामोतार जोनवाल, अजय चौधरी शामिल है। इससे पहले वित्तीय अनियमितता पर पटवारी अनिल मालवीय तहसील टोंकखुर्द, पटवारी समरथलाल जांगडे तहसील टोंकखुर्द तथा सहायक ग्रेड तीन तहसील कार्यालय कन्नौद राहुल कर्मा, सहायक ग्रेड तीन तहसील कार्यालय सोनकच्छ राहुल माली की भी सेवा समाप्त की गई थी।
पूरा मामला करीब एक करोड़ 72 लाख रुपये से ज्यादा का था। गड़बड़ी महालेखागार ग्वालियर द्वारा जारी की गई आडिट रिपोर्ट में सामने आई थी। इसके बाद से ही जांच और कार्रवाई की जा रही है। कई मामले वर्ष 2020-21 की राहत राशि वितरण में गड़बड़ी के हैं। कुछ मामले वर्ष 2019-20 की किसानों को मिलने वाली राहत राशि के हैं। वित्तिय अनियमितता संबंधी मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने मामले में जांच शुरू कराई थी। इसके बाद से ही लगातार जांच और कार्रवाई की जा रही है। मामले में आगे भी कार्रवाई होने की उम्मीद है।
बिना मुंढेर के कुएं होने पर नौ एफआईआर दर्ज
खुले बोरिंग और बिना मुंढेर कुएं होने से जन हानि होने संभावना होती है। देवास जिले में खुले बोरिंग और बिना मुढेर के कुएं होने पर संबंधित स्वामी पर कार्यवाही की जा रही है। सोमवार को खातेगांव अनुभाग में बिना मुंढेर के कुएं होने पर 9 व्यक्तियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। इनमें दुदवास निवासी गुड्डु पुत्र फेज अली, दिनेश पुत्र रामचन्द्र, शिवलाल पुत्र हजारी, लाड खां पुत्र इज्जत खां, सुनील पुत्र बद्री, जुब्बो बी पत्नी नसीब निवासी गोलपुरा, रमेश पुत्र बद्रीनाथ निवासी रंथा, कैलाशदास पुत्र ब्रदीदास निवासी रंथा, ओमप्रकाश पुत्र जगदीश ऊइके निवासी रंथा के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।