सतना (हि.स.)। प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा ने गुरुवार को मिलावटखोरों पर प्रभावी कार्यवाही करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की गई। उन्होंने इस दौरान दूध एवं दूध से बने खाद्य पदार्थों के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर उनसे दूध व दूध से बने उत्पाद के नमूने जांच हेतु लेने के निर्देश सभी जिलों को दिये गये। उन्होंने कहा कि जिन संस्थाओं द्वारा बिना खाद्य लाइसेंस पंजीयन के खाद्य सामग्री संबंधी दुकानें संचालित कर रहे हैं, उन पर कार्यवाही करें। साथ ही कि दूध डेयरी, दूध कलेक्शन सेंटर, चिलिंग सेंटर का निरीक्षण कर दूध सैंपल लिए जाए। उन्होंने चौपाटियों, निजी विद्यालयों में संचालित कैंटीन के निरीक्षण के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सैंपल लेने के बाद जिन संस्थाओं का सैंपल फेल होता है, उन के प्रकरण सक्षम न्यायालय में दर्ज किए जाये। शहरों में संचालित सेंट्रलाइज्ड किचन में बनने वाली सामग्री की जांच की जाये। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एनआईसी सतना से कलेक्टर अनुराग वर्मा, सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े, सीएमएचओ डॉ एलके तिवारी उपस्थित रहे।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में मुख्य सचिव राणा ने निर्देश दिये कि प्रदेश में “मिलावट से मुक्ति अभियान“ अंतर्गत जिलों में जिला कलेक्टरों द्वारा खाद्य पदार्थ में मिलावट के विरुद्ध निरंतर कार्यवाही करने सभी जिले मिलावटी एवं नकली दूध निर्माताओं एवं मिलावटखोरी में लिप्त दूध, मावा, पनीर एवं दूध से बने खाद्य पदार्थों के कारोबारियों के विरूद्ध तत्काल पुनः विशेष अभियान चलाया जाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि उच्च न्यायालय ग्वालियर द्वारा दिये गये संदर्भित आदेशों के परिपालन में जिला कलेक्टर जिला स्तर पर विशेष निगरानी दल गठित करेंगे। जिसमें खाद्य सुरक्षा विभाग, दुग्ध संघ, पुलिस विभाग, नापतौल विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारीगण रहेंगे। टीम द्वारा मिलावटी खाद्य पदार्थ निर्माण, विक्रय, परिवहन करने वाले खाद्य कारोबारियों के विरुद्ध आकस्मिक निरीक्षण की कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव वीरा राणा ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, विनियम 2011 की धारा 36 अंतर्गत अभिहित अधिकारी को खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा किये गये कार्यों का पर्यवेक्षण एवं उसके विरूद्ध प्राप्त शिकायतों का अन्वेषण करने का प्रावधान है। तदानुसार अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी की संदिग्ध कार्यप्रणाली, भ्रष्टाचार की शिकायतों या अधिनियम विपरीत की जाने वाली कार्यवाहियों तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के विरूद्ध शिकायतों का विचारण एवं परीक्षण कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु प्रस्ताव अविलंब आयुक्त, खाद्य सुरक्षा प्रशासन को प्रेषित करेंगे। प्रत्येक जिले में प्राथमिकता से माह में कम से कम एक विद्यालय या महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं हेतु चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला या मैजिक बॉक्स के द्वारा खाद्य पदार्थों में मिलावट के संबंध में प्रशिक्षण एवं जनजागरूकता का सत्र आयोजित किया जाये। साथ ही जिलों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रो एवं स्कूलों के मध्यान्ह भोजन कार्यक्रमों में खाद्य सामग्री की चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला या मैजिक बॉक्स के द्वारा प्राथमिक जांच की जाये।
उन्होंने निर्देश दिये कि जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की त्रैमासिक बैठक नियमित रूप से आयोजित कर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की जाये। जनसंपर्क विभाग द्वारा इलेक्ट्रोनिक एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाना सुनिश्चित किया जाये।