Wednesday, September 18, 2024
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निर्बाध विद्युत आपूर्ति एवं सेवाओं का दावा और सिर्फ 39 नियमित कर्मचारियों के भरोसे हजारों उपभोक्ता

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के द्वारा विगत दिवस मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के जबलपुर सिटी सर्किल के अंतर्गत पश्चिम शहर संभाग मिशन कंपाउंड स्थित कार्यालय में कार्यपालन अभियंता सुनील सिन्हा से तकनीकी कर्मचारियों की लंबित समस्याओं को निराकरण करने हेतु चर्चा की गई।

तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि तकनीकी कर्मचारियों की लंबित समस्याओं में सुरक्षा उपकरण का आभाव, अवकाश के दिन कार्य पर बुलाना लेकिन आदेश न निकलना, आउटसोर्स कर्मचारी को जोखिम भत्ता न देना, अवकाश के दिन कार्य कराने के बावजूद दुगने दर से वेतन न देना, फ्यूज वायर, बांस की सीढ़ी, एक्स्ट्रा वेजेस, नाइट अलाउंस, सब-स्टेशनों में फर्स्टएड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र आदि पर चर्चा की गई।

चर्चा के दौरान कार्यपालन अभियंता ने बताया कि आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मचारियों के पास सुरक्षा उपकरण पर्याप्त हैं, कमी होने पर तत्काल उपलब्ध कर दिए जाते हैं। अवकाश के दिन कर्मचारियों को बुलाने पर उसके बदले वह जब चाहते हैं उनको अवकाश दिया जाता है। एक वर्ष में नौ एक्स्ट्रा वेजेस तकनीकी कर्मियों को दिए जाते हैं। सभी कार्यों के लिए आदेश निकाले जाते हैं।

इसके अलावा सभी आईटीआई पास आउटसोर्स कर्मचारी को जोखिम भत्ता दिया जा रहे है, हमारा प्रयास है कि जिनके द्वारा ओवरहेड किया गया है उनको भी जोखिम भत्ता दिया जाए। सब-स्टेशनों को 90 प्रतिशत आउटसोर्स कर्मचारी संचालित कर रहे हैं। परीक्षण सहायकों को जूनियर इंजीनियर का पदभार दिया जा रहा है, क्योंकि हमारे पास में जूनियर इंजीनियरों की कमी है। सभी सब स्टेशनों में फर्स्ट एड बॉक्स एवं अग्नि संयंत्र पर्याप्त हैं।

कार्यपालन अभियंता ने बताया कि हमारे पश्चिमी शहर संभाग में 60 हजार उपभोक्ता हैं। 900 ट्रांसफार्मर हैं। सब-स्टेशन सात हैं। नियमित कर्मचारियों की संख्या 39 है। संविदा कर्मचारियों की संख्या 9 है एवं 60 आउटसोर्स कर्मचारी हैं। जिनको हमेशा कहा जाता है की सुरक्षा उपकरण का उपयोग करके ही कार्य करना है। इसे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते क्योंकि आउटसोर्स कर्मी बाहर के हैं। हमारा यह मानना है कि कंपनी में इनका नियमित या संविलियन करना चाहिए, क्योंकि इनका कार्य करने का अत्यधिक अनुभव भी हो गया है जिससे वह पूरी कर कुशलता के साथ कार्य कर सके।

कार्यपालन अभियंता ने माना कि आज की स्थिति में जिस तरह से पोल पर मकड़ी के जाल की तथा उपभोक्ताओं की सर्विस है, उसमें कार्य करने के लिए नियमित कर्मचारियों का होना अतिआवश्यक है। यह उन्होंने यह भी माना कि नियमित कर्मचारियों की अत्यधिक कमी है। संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, लखन सिंह राजपूत, विनोद दास, अरुण मालवीय, अमित मेहरा, जगदीश मेहरा आदि चर्चा के दौरान उपस्थित थे।

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