मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लाड़ली बहना योजना की चर्चा सभी ओर है, यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुई है, इतिहास में यह सामाजिक क्रांति के रूप में दर्ज होगी। योजना ने महिलाओं का आत्मविश्वास एवं आत्मसम्मान बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति परिवारजन तथा समाज का व्यवहार एवं दृष्टिकोण बदला है। महिलाओं ने योजना का लाभ उठाकर अपने काम आरंभ किए हैं और वे आर्थिक स्वावलंबन की ओर अग्रसर हुई हैं।
सीएम चौहान लाड़ली बहना योजना के सुनियोजित क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को समत्व भवन में संबोधित किया और उन्हें प्रशस्ति-पत्र भी प्रदान किए। मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास श्रीमती दीपाली रस्तोगी तथा अधिकारी उपस्थित थे।
जीरो डिफेक्ट के साथ योजना का क्रियान्वयन
सीएम चौहान ने कहा कि शासकीय अमले ने कम समय में बाधारहित रूप से इतनी बड़ी योजना का जीरो डिफेक्ट के साथ क्रियान्वयन कर क्रांति की है, यह अद्भुत उपलब्धि है। टीम मध्यप्रदेश के टीम वर्क की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।
युद्ध स्तर पर कार्य कर मात्र 75 से 80 दिनों में 1 करोड़ 31 लाख बहनों को जोड़ना अधिकारी-कर्मचारियों की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। कोई भी पात्र बहन योजना का लाभ लेने से वंचित नहीं रही, बिना शिकायतों का अंबार लगे योजना क्रियान्वित हुई, यह उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।
लाड़ली बहना योजना, महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया का अगला कदम
सीएम चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया लाड़ली लक्ष्मी योजना के क्रियान्वयन से आरंभ हुई। हमने यह तय किया था कि प्रदेश में जन्म लेने वाली हर बेटी लखपति होगी। इस सोच से ही लाड़ली लक्ष्मी योजना आरंभ हुई, अब प्रदेश में 46 लाख लाड़ली लक्ष्मियां हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना और कन्या विवाह योजना से बेटी को बोझ मानने की सोच में बदलाव आया।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उन्हें स्थानीय निकायों और सेवाओं में आरक्षण दिया गया। महिलाओं के नाम रजिस्ट्री में स्टाम्प शुल्क में छूट, बेटा-बेटी के जन्म से पहले और जन्म के बाद आर्थिक सहायता दी जाने वाली योजनाएं क्रियान्वित की गईं। लाड़ली बहना योजना, महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया का अगला कदम है।
महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार योजना का उद्देश्य
सीएम चौहान ने कहा कि बैगा, भारिया और सहरिया समुदाय की महिलाओं को एक हजार रूपए की आर्थिक सहायता वर्ष 2017 से आरंभ की गई थी। इस योजना की प्रभावशीलता के अध्ययन में यह तथ्य सामने आया कि आर्थिक सहायता से बच्चों के कुपोषण स्तर में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि परिणामस्वरूप यह विचार आया कि सभी जरूरतमंद महिलाओं को सहायता उपलब्ध कराने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा और महिलाओं का सम्मान भी बढ़ेगा। बिना किसी जाति भेद के सभी बहनों को सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लाड़ली बहना योजना आरंभ की गई।