यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर मध्य प्रदेश के अध्यक्ष इंजीनियर व्हीकेएस परिहार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि यूनाईटेड फोरम लगातार पिछले कई वर्षों से विद्युत कंपनियों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की विभिन्न लंबित मांगों के संबंध में चर्चा कर उनके निराकरण हेतु निवेदन करता रहा है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में 5 जनवरी 2023 को सभी बिन्दुओं पर प्रमुख सचिव ऊर्जा से चर्चा भी की गई थी एवं उनके द्वारा उक्त बिन्दुओं के निराकरण हेतु मुख्यमंत्री जी से चर्चा कराने का आश्वासन भी दिया गया था एवं विभिन्न बिन्दुओं पर सभी संवर्गों से प्रस्ताव पर चर्चा कर उनपर कार्यवाही हेतु भी आश्वस्त किया गया था। पिछले 2 वर्षों में फोरम द्वारा प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा से विभिन्न बिन्दुओं पर वार्ता भी हुई लेकिन आज दिनांक तक उनके निराकरण लंबित है, इस संबंध में मुख्यमंत्री जी से भी पिछले वर्षों में कई पत्राचार किये गये लेकिन चर्चा हेतु समय नहीं मिल सका।
व्हीकेएस परिहार ने अपने पत्र में कहा कि वर्ष 2023 में 1 मार्च 2023 से 15 मई 2023 तक, ढाई महीनें में 13 पत्रों द्वारा मुख्यमंत्री जी से चर्चा हेतु निवेदन किया गया. लेकिन लगभग 1 लाख 20 हजार अधिकारी एवं कर्मचारियों की लंबित मागों पर चर्चा हेतु समय प्रदान नहीं किया जाना मुख्यमंत्री की एक अति महत्वपूर्ण विभाग (मप्र की विद्युत कंपनियां) के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशीलता प्रदर्शित करती है जो कि अत्यंत गंभीर है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की अनदेखी के कारण विद्युत कंपनियों में कार्यरत लगभग 70 हजार अधिकारी एवं कर्मचारी एवं लगभग 50 हजार पेंशनर्स आक्रोशित हैं एवं भविष्य में कभी भी सभी अधिकारी एवं कर्मचारी संगठित होकर कार्य बहिष्कार की घोषणा कर सकते हैं, जिससे मध्यप्रदेश की विद्युत व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
व्हीकेएस परिहार ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि मुख्यमंत्री, मप्र शासन को शीघ्र-अतिशीघ्र यूनाईटेड फोरम से विभिन्न लंबित मांगों पर चर्चा कर निराकरण हेतु निर्देशित करने की कृपा करें, जिससे भविष्य में मध्य प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत कंपनियों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के कार्य बहिष्कार के कारण विद्युत अव्यवस्था का सामना न करना पड़े।