मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारे भारतीय पर्व उमंग और उल्लास के प्रतीक होते हैं। इस वर्ष प्रदेश में दशहरा पर्व सरकार और समाज मिलकर धूमधाम के साथ मनाएंगे और शस्त्र-पूजन भी किया जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष का दशहरा पर्व महिला सशक्तिकरण और सुशासन की प्रतीक देवी अहिल्याबाई को समर्पित रहेगा। देवी अहिल्याबाई ने देश भर में जन-कल्याण के अनेक महती कार्य संपन्न करवाए। इन कार्यों की स्मृति और देवी अहिल्याबाई के योगदान से आज की पीढ़ी को अवगत करवाने और उनके सम्मान में दशहरा पर्व पर शस्त्र-पूजन के कार्यक्रम होंगे।
मंत्री, सांसद, विधायक और जन-प्रतिनिधि भी करेंगे अपने क्षेत्रों में शस्त्र-पूजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादन ने कहा कि इस दशहरा पर्व पर भारत की प्राचीन शस्त्र-पूजन परंपरा में सरकार के मंत्रीगण सहित सांसद, विधायक और जन-प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे। प्रत्येक जिले में पुलिस शस्त्रागार, कोतवाली और थानों में होने वाले शस्त्र-पूजन एक विभाग तक सीमित न होकर जनता का पर्व बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे स्वयं देवी अहिल्याबाई की राजधानी रही महेश्वर और उनकी छावनी रही इंदौर में शस्त्र-पूजन करेंगे।
अहिल्याबाई का व्यक्तित्व, जीवन और चरित्र हम सबके लिये आदर्श
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम अहिल्याबाई की 300वीं जयंती का वर्ष मना रहे हैं। लोकमाता देवी अहिल्याबाई का व्यक्तित्व, जीवन और चरित्र हम सबके लिये आदर्श है। वे एक तपोनिष्ठ, धर्मनिष्ठ और कर्मनिष्ठ शासक, प्रशासक रही है। उनसे हम सबको प्रेरणा लेना चाहिये। देवी अहिल्याबाई ने धर्म के भाव के साथ शासन व्यवस्था चलाने का बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उनका धर्म तथा राज्य व्यवस्था में विशेष महत्व है। उनका मुख्य ध्येय था कि उनकी प्रजा कभी भी अभावग्रस्त और भूखी नहीं रहे। उनके सुशासन की यशोगाथा पूरे देश में प्रसिद्ध है। उन्होंने समाज-सेवा के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया था। अहिल्याबाई हमेशा अपनी प्रजा और गरीबों की भलाई के बारे में सोचती थी, साथ ही वे गरीबों और निर्धनों की हरसंभव मद्द के लिए हमेशा तत्पर रहती थी। उन्होंने समाज में विधवा महिलाओं की स्थिति पर भी खासा काम किया और उनके लिए उस वक्त बनाए गए कानून में बदलाव भी किया था।
शस्त्र पूजन के लिये मंत्रियों को जिले एवं स्थान आवंटित
“दशहरा पर्व” पर प्रदेश में होने वाले शस्त्र पूजन कार्यक्रम के लिये राज्य मंत्रि-परिषद के सदस्यों को जिले आवंटित किये गये हैं। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा भोपाल में, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल रीवा में, मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह खण्डवा में, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय धार में, मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल नरसिंहपुर में, मंत्री राकेश सिंह जबलपुर में, मंत्री करण सिंह वर्मा सीहोर में, मंत्री उदय प्रताप सिंह गाडरवाड़ा (नरसिंहपुर) में, मंत्री श्रीमती सम्पतिया उइके मण्डला में, मंत्री तुलसीराम सिलावट इंदौर में, मंत्री रामनिवास रावत विजयपुर श्योपुर में, मंत्री ऐदल सिंह कंषाना मुरैना में, मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया झाबुआ में, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सागर में, मंत्री विश्वास सारंग भोपाल में, मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ग्वालियर में, मंत्री नागर सिंह चौहान सतना में, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर शिवपुरी में, मंत्री राकेश शुक्ला भिण्ड में, मंत्री चैतन्य काश्यप रतलाम में, मंत्री इंदर सिंह परमार शाजापुर में, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर सीहोर में, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी दमोह में, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल सीधी में, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल राजगढ़ में, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन सिंह पटेल विदिशा में, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नारायण सिंह पवार राजगढ़ में, राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल बरेली (रायसेन) में, राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी सतना में, राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार अनूपपुर में और राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह सिंगरौली में शस्त्र पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगी।