Sunday, September 29, 2024
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बिजली कंपनी ने एक झटके में नौकरी से निकाले 164 कर्मी, सभी के नाम ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश

बिजली कंपनी ने एक झटके में 164 कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया, इतना ही नहीं वे आगे बिजली कंपनी में दोबारा नौकरी न कर सकें इसके लिए मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे निकाले गए कर्मियों के नाम काली सूची में डाल दें। हास्यास्पद बात तो यह है कि बिजली कंपनी में वर्षों से आउटसोर्स के माध्यम से मीटर रीडिंग करने वाले इस कर्मियों पर पिछले तीन महीने को दौरान अस्पष्ट और खराब मीटर रीडिंग किए जाने का आरोप लगाकर अचानक नौकरी से निकाले जाने के आदेश जारी कर दिए गए।

मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन द्वारा मैदानी अधिकारियों को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि दिनांक 18.06.2024 को आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में प्रबंध संचालक महोदय द्वारा मीटर रीडिंग किये जाने संबंधी प्रकरणों की समीक्षा की गई एवं संज्ञान में आया है कि विभिन्न वृत्तांतर्गत मीटर वाचकों द्वारा विगत 3 माह में (जनवरी 24 से मार्च 24 तक) लगातार 80 प्रतिशत से अधिक अस्पष्ट एवं खराब मीटर रीडिंग ली जाने के कारण कंपनी को वित्तीय क्षति हो रही है। उक्त प्रकरण में महोदय द्वारा सख्त नाराज़गी व्यक्त की गई है, जो कि अत्यंत खेद का विषय है। इसके साथ ही महोदय द्वारा निर्देशित किया गया है कि संबंधित मीटर वाचकों को निहित प्रावधान अनुसार कार्य से निष्कासित करते हुये काली सूची में डाले जाने संबंधी कार्यवाही की जावें।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि आउटसोर्स के माध्यम से वर्षों से बिजली कंपनी में नौकरी कर रहे मीटर वाचकों को अचानक नौकरी से निकाले जाने का आदेश अमानवीय और अनुचित है। उन्होंने कहा कि इन मीटर वाचकों पर लगाए गए आरोप हास्यास्पद हैं, क्योंकि बहुसंख्यक उपभोक्ताओं के घरों में लगे विद्युत मीटरों के डिस्प्ले अथवा कवर धुंधले हो चुके हैं और सभी मीटर वाचक स्वयं के मोबाइल फोन से रीडिंग के लिए मीटर की फोटो लेते हैं, जिनके कैमरे निम्न गुणवत्ता के होते हैं, जिससे तस्वीरें अस्पष्ट होती हैं, क्योंकि इन मीटर वाचकों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं होती जो उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे से युक्त महंगा मोबाइल खरीद सकें।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि वर्षों कार्यरत इन मीटर वाचकों को गुणवत्तापूर्ण संसाधन उपलब्ध कराने की बजाए कंपनी प्रबंधन ने एकदम से उन्हें नौकरी से निकाले जाने के लिए निर्देशित कर दिया, जबकि अल्प वेतन में परिवार के पालन-पोषण का उत्तरदायित्व निर्वहन करने वाले इन मीटर वाचकों के लिए जीवनयापन का सवाल खड़ा हो गया है। संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि मीटर रीडर को पूर्व क्षेत्र कंपनी में लगभग 5 से 10 साल हो गए हैं। उनके द्वारा परिवार बसा लिया गया है अगर उनको निकाल दिया जावेगा तो उनका घर कैसे चलेगा, इस पर संवेदनशीलता से विचार करते हुए 164 मीटर वाचकों को समुचित संसाधन उपलब्ध कराते हुए एक और अवसर दिया जाए।

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