Saturday, October 12, 2024
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तीन महीने पहले अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले बिजली कर्मी की करंट से मौत, अनाथ हुए दो बच्चे

अनुकंपा नियुक्ति मिलने के तीन महीने के अंदर परिवीक्षा अवधि के दौरान ही बिजली अधिकारी ने बिजली कर्मी को सुधार कार्य के लिए सीधे 11 केवी के पोल पर चढ़ा दिया। कार्य के दौरान विद्युत कर्मी करंट की चपेट में आ गया और लंबे उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जिला छतरपुर में दिनांक 13 सितंबर 2024 को कार्यपालन अभियंता कार्यालय के अंतर्गत नौगांव डीसी में कार्यरत अनुकंपा आश्रित बिजली कर्मी मोहम्मद सलीम उम्र 39 वर्ष को डीसी प्रभारी कनिष्ठ अभियंता के द्वारा सनोति गांव के पास 11 केवी लाइन के जले हुए जंपर को बदलने के लिए आदेशित किया गया।

बिजली कर्मी मोहम्मद सलीम कनिष्ठ अभियंता के आदेश पर 11 केवी के पोल पर चढ़कर सुधार कार्य कर रहा था, इस दौरान जैसे ही बिजली कर्मी ने 11 केवी लाइन में डिस्चार्ज रॉड लगाई उसे करंट का जोरदार झटका लगा और वो सीधे जमीन पर आ गिरा, मौके पर मौजूद सहयोगियों ने उसे छतरपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवा दिया। लेकिन स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण उसे ग्वालियर के हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। वहां पर भी आराम नहीं लगने की वजह से डॉक्टर के द्वारा ग्वालियर से दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया।

दिल्ली के सरकारी अस्पताल में बिजली कर्मी को भर्ती किया गया, जहां डॉक्टर ने बताया कि रीढ़ की हड्डी में फैक्चर हो गया है, दोनों पैर के तलवे जल गए हैं, कमर जली हुई है, उसका ऑपरेशन करना पड़ेगा। 28 सितंबर को बिजली कर्मी की रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन डॉक्टर के द्वारा किया गया, लेकिन उसके दोनों पैर बेजान हो चुके थे। 8 अक्टूबर 2024 को दिल्ली के सरकारी अस्पताल में बिजली कर्मी की मृत्यु हो गई। बिजली कर्मी के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।

बिजली कर्मी की पत्नी ने बताया कि 13 सितंबर से 8 अक्टूबर 2024 तक इलाज में लगभग चार लाख रुपया खर्च हो गए हैं। बिजली कर्मी तीन महीने पहले ही अनुकंपा नियुक्ति मिली थी और उसे छतरपुर में ही पदस्थ किया गया था।

संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, इंद्रपाल सिंह, लाखन सिंह राजपूत, अमीन अंसारी, पवन यादव, संदीप यादव, दशरथ शर्मा, शशि उपाध्याय, विनोद दास, राहुल दुबे, विपतलाल विश्वकर्मा आदि ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के बाद छह माह तक परिवीक्षा अवधि होती है, इस दौरान बंद लाइन में कार्य सिखाया और कराया जाता है, तो जूनियर इंजीनियर के द्वारा करंट का कार्य करने का आदेश कैसे दे दिया गया, अगर दिया भी था तो कर्मी से पूरे सुरक्षा उपकरण के साथ 11 केवी की लाइन बंद करने का परमिट लेकर अपने सामने खड़े होकर जंपर लगवाना था, मगर अधिकारी द्वारा ऐसा नहीं किया गया। संघ ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि इस मामले की जांच कर दोषी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।

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