तापमान में वृद्धि होने के साथ ही गर्मी का असर बढ़ता जा रहा है और लोग बाहर निकलने की बजाए घरों में कूलर-एसी की ठंडक में रहना ही पसंद कर रहे हैं। लेकिन एमपी के अनेक सरकारी कार्यालय में गर्मी का मौसम शुरू होने के बाद भी कार्यालय की ठंडक के लिए कोई उपाय नहीं किए गए हैं। बिना कूलर-पंखे के कार्यालय में उपस्थित लोक सेवकों को दिक्कत तो हो ही रही है, वहीं इन कार्यालयों में आवश्यक कार्य से आने वाले आमजन भी गर्मी से हलाकान हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के योगेंद्र दुबे एवं जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी गर्मी में झुलस रहे है, अनेक सरकारी कार्यालयों में पीने का ठंडा पानी नहीं है, कूलर, पंखे, बंद पड़े हैं और खस की चटाई भी नहीं है। इसके साथ ही कार्यालय में पानी पिलाने वाले कर्मचारी भी नहीं है, कर्मचारियों को गर्मी से बचाने के किसी भी तरह के साधन उपलब्ध नहीं है।
संयुक्त मोर्चा ने बताया कि आईटीआई, लोक स्वास्थ यांत्रिकी, शिक्षा, स्वास्थ, लोक निर्माण विभाग, वन, राजस्व विभाग, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नगर निगम, हिरन जल संसाधन, आरटीओ, बिजली विभाग, महिला एवं बाल विकास, उच्च शिक्षा, पीआईयू, तहसीली के अनेक कार्यालयों में पिछले वर्ष भी गर्मी से बचने के उपाय नहीं किए गए थे। पीने के पानी के लिए ठंडे कूलर या घड़ों की व्यवस्था भी नहीं की गई थी।
इस वर्ष भी अभी तक अनेक कार्यालयों में इस वर्ष भी गर्मी से बचने की व्यवस्था नहीं की गई है। अनेक कार्यालयों में पानी पिलाने वाले कर्मचारी ही नहीं हैं। बहुत से कर्मचारी या तो रिटायर हो चुके है या मृत हो चुके है। नई भर्ती पर प्रतिबंध होने के कारण कार्यालय के कर्मचारियों को खुद ही पीने के पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, विश्वदीप पटेरिया, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, सुरेन्द्र वर्मा, निखिल द्विवेदी, प्रशान्त सोधिया, देव दोनेरिया, जवाहर केवट, नरेंद्र सैन, दुर्गेश पाण्डे, ब्रजेश मिश्रा, अर्जन सोमवंसी, विनय नामदेव, इन्द्रप्रताप यादव, अजय दुबे, छविकांन्त कोरी ने समस्त विभागों के कार्यालयो में ठंडे पीने की व्यवस्था करने और गर्मी से बचने के समस्त उपाय एवं पानी पिलाने कर्मी को रखे जाने की मांग की है।