वन विभाग में इमारती लकड़ी, जानवरों, वृक्षों की सुरक्षा करने वालों के साथ जंगलों से अवैध खनिज परिवहन रोकने की ड्यूटी करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने चुनाव कार्य से मुक्त रखने पर जोर दिया है।
संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने जारी प्रेस नोट में बताया कि जंगलों में लगे सुरक्षा कर्मचारियों को अन्य कार्य में लगाने से जंगलों में भारी हानि होती है, कर्मचारी ना होने के कारण आवारा जानवरों द्वारा नारंगी क्षेत्र के छोटे पौधों को नष्ट कर दिया जाता है। पानी की सिंचाई ना होने से पौधे भी सूख जाते हैं। इमारती लकड़ियों की चोरियां होती है। जंगली जानवर भी असुरक्षित हो जाते है।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि विगत चुनावों में चुनाव कार्य करने वाले अनेक कर्मचारियों को भोजन, आने-जाने के भत्तों के साथ ही पूरा मानदेय भी नहीं दिया गया। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, नरेश शुक्ला, विश्वदीप पटेरिया, संतोष मिश्रा, योगेश चौधरी, रविकांत दहायत, मुकेश मरकाम, यूएस करोसिया, देव दोनेरिया, प्रशांत सोंधिया, धीरेंद्र सिंह, योगेंद्र मिश्रा, रजनीश पाण्डे, नरेंद्र सैन, सुरेंद्र जैन, संदीप नेमा, सतीश उपाध्याय, विनय नामदेव, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, गोविन्द विल्थरे, एसपी बाथरे, वीरेन्द्र चन्देल ने वन विभाग में जंगली जानवरों, इमारती लकड़ियों, खनिज संपदा, नए पौधों की देखभाल करने वालों को चुनाव कार्य से मुक्त रखने एवं विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को चुनाव कार्य करने पर मानदेय दिए जाने की मांग की है।