मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी उतरवर्ती कंपनियों में पिछले 14 वर्षों से लगातार मैनपावर की अत्यधिक कमी है। विद्युत तंत्र के जानकार एवं अनुभवी सहायक लाइनमैन, लाइनमैन, लाइन इंस्पेक्टर एवं लाइन सुपरवाइजर सेवानिवृत्ति होते जा रहे हैं, मगर कंपनियों प्रबंधन के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि मध्य प्रदेश के 55 जिलों में मैनपावर की कमी बहुत जटिल समस्या बनती जा रही है। सेवानिवृत्त हो रहे नियमित कर्मचारियों के स्थान पर नियमित कर्मचारियों की ही भर्ती करना था, मगर कास्ट कटिंग के चक्कर में कंपनियों के प्रबंधन के द्वारा पूरा सिस्टम तहस-नहस कर दिया गया। सभी बिजली कंपनियों में बिना योजना लगभग 50,000 आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती कर ली गई।
अब आउटसोर्स कर्मियों के साथ अन्याय और शोषण किया जा रहा है एवं मानव अधिकारों का हनन व श्रम नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। इतना ही नहीं कंपनी प्रबंधन उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मियों को निष्पक्ष और बिना भेदभाव के पुरस्कृत तो करना चाहता है, लेकिन उनकी समस्याओं तथा मांगों पर बात करना नहीं चाहता। संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों को पुरस्कार नहीं जॉब की सुरक्षा चाहिए, मेडल नहीं दुर्घटना होने पर समुचित उपचार चाहिए, विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त कार्य करने पर नियमानुसार एक्स्ट्रा वेजेस चाहिए, परिवार और मानसिक शांति के लिए अवकाश चाहिए।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि बिजली आउटसोर्स कर्मियों के साथ अन्याय और शोषण इस तरह किया जा रहा है, जैसे- ऊर्जा विभाग का आदेश होने के बाद भी जोखिम भत्ता ₹1000 नहीं दिया जा रहा है, अवकाश नहीं दिया जा रहा है, सब-स्टेशनों में 30 दिन कार्य करते हैं लेकिन 26 दिन का पारिश्रमिक दिया जाता है, उनके लिए कैशलेस स्वास्थ्य बीमा एवं 20 लाख का जोखिम बीमा भी नहीं किया गया है और कंपनी प्रबंधन चाहता है कि विद्युत कंपनी शिखर पर पहुंच जाए।
संघ के शशि उपाध्याय, मोहन दुबे, अजय कश्यप, राजकुमार सैनी, लखन सिंह राजपूत, इंद्रपाल सिंह, अरुण मालवीय, संदीप दीपांकर, राकेश नामदेव, अमीन अंसारी, महेश पटेल, राम शंकर, ख्यालीराम आदि ने मांग की है कि बिजली कंपनियों को शिखर पर पहुंचाने के लिए प्रबंधन आउटसोर्स कर्मियों का संविलियन कर उनका और उनके परिवार का जीवन सुरक्षित करे और नियमानुसार उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाए।