व्यावसायिक इकाईयों से नियामकों का अनुपालन कराने जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह द्वारा गठित जांच दलों की कार्यवाही लगातार चौथे दिन आज गुरुवार को भी जारी रही। जांच के तय रोस्टर के मुताबिक आज एसडीएम जबलपुर के नेतृत्व में गठित दल ने पनागर के समीप ग्राम बरौदा स्थित तीन मंजिला भवन में संचालित एक निजी नर्सिंग होम का निरीक्षण किया और बिना पंजीयन एवं बिना लायसेंस के संचालित पाये जाने पर इसे सील कर दिया।
तहसीलदार पनागर विकास चंद जैन के मुताबिक इस नर्सिंग होम का संचालन स्टार सिटी कटंगी बायपास निवासी श्रीमती संध्या पांडे द्वारा किया जा रहा था। उनके पास इलेक्ट्रो होम्योपैथी की डिग्री थी, लेकिन नर्सिंग होम में एलोपैथी में इलाज किया जा रहा था। इसके प्रमाण के तौर पर यहाँ एलोपैथी की कई दवाईंयां और इंजेक्शन भी पाये गये। जांच दल ने नर्सिंग होम में भर्ती मरीज से बात की । यहां दो पलंग युक्त दो कमरे भी पाये गये। इस नर्सिंग होम में भर्ती एक महिला मरीज को एलामीन का इंजेक्शन (बॉटल) भी लगाया जा रहा था। हल्के नाम के एक अन्य मरीज ने भी जांच दल को बताया कि वो इस नर्सिंग होम में पूर्व में भी इलाज करा चुका है और उसे इंजेक्शन और दवाएं दी गई थीं।
तहसीलदार विकास चंद जैन ने बताया कि नर्सिंग होम की संचालक ने खजरी निवासी प्रभा यादव को भी सहयोग के लिये रख हुआ है, जो मरीजों को इंजेक्शन लगाने और बॉटल लगाने का काम करती है। इसके पास भी कोई वैध डिग्री नहीं पाई गई। तहसीलदार पनागर ने बताया कि नर्सिंग होम की ऊपर की मंजिल पर ऑपरेशन में प्रयुक्त किये जाने वाले उपकरण भी रखे पाये गये। हालांकि ऑपरेशन थियेटर संचालित किये जाने के कोई प्रमाण नहीं मिले। तहसीलदार ने बताया कि जांच के दौरान नर्सिंग होम की संचालक भी मौजूद रही। इलेक्ट्रो होम्योपैथी में ही प्रेक्टिस करने की हिदायत दी गई।
तहसीलदार पनागर ने बताया कि जांच दल द्वारा कंपोजिट मदिरा दुकान पनागर-एक का भी निरीक्षण किया गया। इस शराब दुकान से टेस्ट परचेज भी कराया गया। यहां से नियत मूल्य पर ही शराब बेचा जाना पाया गया । लेकिन दर सूची प्रदर्शित नहीं की गई थी। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान पाई गई कई अन्य कमियों पर शराब दुकान संचालक को आरोप पत्र भी जारी किया गया है। जाँच दल में राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य, आबकारी, खाद्य एवं अन्य सभी सबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।