भोपाल (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कैबिनेट में निर्णय हुआ है कि प्रदेश में प्रमोशन न होने पाने से स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के रिक्त पदों को अब सीधी भर्ती से भरा जाएगा। सरकार ने ऐसे करीब 607 प्रमोशन वाले पदों को सीधी भर्ती से भरने का निर्णय लिया है।
इसके अलावा 46491 नवीन पदों का सृजन कर उसमें भर्ती करने का फैसला किया गया है, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार किया जा सके। लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता के चलते मप्र कैबिनेट की यह बैठक 89 दिन बाद हुई।
प्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंत्रि-परिषद की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाए। इसी के चलते बैठक में अस्पतालों में रिक्त पदों की भर्ती का प्रस्ताव लाया गया था, जिसे मंत्रि-परिषद ने मंजूरी दी है।
राज्य स्वास्थ्य समिति की अनुशंसा के आधार पर स्वास्थ्य संस्थानों में स्वीकृत एवं भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए 40491 नए नियमित, संविदा और आउटसोर्स के पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई। इनमें से 18,653 पदों की पूर्ति आगामी तीन वर्ष में की जाएगी। इस पर वार्षिक 343 करोड रुपये का वित्तीय भार आएगा। शेस 27,828 पदों की पूर्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से की जाएगी।
इसके अलावा कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि मंत्रि परिषद ने प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेषज्ञ सेवायें उपलब्ध कराये जाने तथा स्वास्थ्य सूचकांको में बेहतर प्रदर्शन के लिए चिकित्सीय विशेषज्ञों के 607 पदों की पूर्ति सीधी भर्ती से कराने की मंजूरी दी।
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत 7 विशेषज्ञताओं यथा निश्चेतना विशेषज्ञ, मेडिकल विशेषज्ञ, स्त्रीरोग विशेषज्ञ, शिशुरोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, अस्थि रोग विशेषज्ञ तथा सर्जरी विशेषज्ञ के रिक्त 1214 पर्दो में से 50 प्रतिशत अर्थात् 607 पदों की पूर्ति सीधी भर्ती से कराने की छूट एवं तद्नुसार रिक्त पदों की पूर्ति के लिये मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से विज्ञापन करने की अनुमति दी गई।