मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को केन्द्र से 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ता कम मिल रहा है, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। केन्द्र सरकार ने एक माह पूर्व अपने कर्मचारियों को 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ता के आदेश जारी कर दिये थे, परंतु राज्य कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता अभी तक अप्राप्त है, जबकि मंहगाई चरम सीमा पर है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि राज्य कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता जुलाई 2023 से 4 प्रतिशत लंबित है। आचार संहिता भी विधानसभा चुनाव संपन्न होने के पश्चात् समाप्त हो चुकी है, जिससे शासन को अतिशीघ्र कर्मचारियों का लंबित 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ता प्रदान करने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं है।
अतः संघ मांग करता है कि राज्य कर्मचारियों का जुलाई 2023 से लंबित 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ता शीघ्र-अतिशीघ्र प्रदान करने का आदेश प्रसारित करें, जिससे कर्मचारियों को हो रहे आर्थिक नुकसान की भरपाई हो सके।
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, मनोज सिंह, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, सीएन शुक्ला, वीरेन्द्र तिवारी, घनश्याम पटेल, चूरामन गूजर, संदीप चौबे, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, निशांक तिवारी, नवीन यादव, अशोक मेहरा, अमित पटेल, शिशिर श्रीवास्तव, नीतेश राठौर, मधुर कपूर, सतीश देशमुख, रमेश काम्बले, पंकज जायसवाल, प्रीतोष तारे, शेरसिंह, मनोज सिंह, अभिषेक वर्मा, वीरेन्द्र पटेल, रामकृष्ण तिवारी, रितुराज गुप्ता, अमित गौतम, अनिल दुबे, अतुल पाण्डे आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को ईमेल कर मांग की है कि राज्य के समस्त कर्मचारी शीघ्रतिशीघ्र 4 प्रतिशन मंहगाई भत्ता के आदेश हेतु आशान्वित हैं।