Saturday, October 12, 2024
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अब रजिस्‍ट्री के लिए नहीं लाने होंगे गवाह, घर बैठे ई-केवायसी से किया जा सकेगा संपत्ति का पंजीयन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पंजीयन विभाग की नवीन तकनीक पर विकसित सॉफ्टवेयर संपदा -2.0 के ई-पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग का शुभारंभ गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में दोपहर एक बजे करेंगे। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। विभागीय अधिकारियों से संपदा-2.0 की विशेषताओं पर चर्चा की। संपदा 2.0 का नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पायलेट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन एवं नोटिफिकेशन जारी होने से अब देश में मध्यप्रदेश दस्तावेजों के पंजीन एवं ई-स्टॉम्पिंग के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित हुआ है।

उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि अप्रैल-2024 में 4 जिले क्रमश: गुना, हरदा, डिण्डोरी एवं रतलाम में पायलेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत ई-पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग को सफलतापूर्वक संचालित किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार चरणबद्ध तरीके से सॉफ्टवेयर पर दस्तावेजों के ई-पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग के लिये प्रदेश के समस्त जिलों में लागू किये जाने की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। उक्त सॉफ्टवेयर द्वारा सम्पत्तियों का अंतरण, लोन इत्यादि दस्तावेजों का पंजीयन पूर्ण रूप से डिजिटली ही किया जायेगा। अगर उस दस्तावेज पर लोन लिया गया होगा, तो उसकी जानकारी भी इसमें देखी जा सकेगी। साथ ही सम्पत्ति की पहचान कस्टोडियम डिपार्टमेंट से की जायेगी।

पंजीयकों की पहचान ई-केवाईसी के माध्यम से पूर्ण की जायेगी। इसमें घर बैठे पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग की सुविधा भी होगी। संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए अब गवाह साथ लेकर आने की जरूरत नहीं है। कई दस्तावेजों के पंजीयन के लिए पंजीयक कार्यालय में उपस्थित होने की जरूरत भी नहीं रहेगी। खरीदार और विक्रेता की पहचान ई-केवायसी के जरिए हो सकेगी। राज्य सरकार गुरुवार से प्रदेश के सभी 55 जिलों में रजिस्ट्री के नए सॉफ्टवेयर का प्रचालन शुरू करने जा रही है। इस सॉफ्टवेयर के अमल में आने के बाद प्रदेश में संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया लगभग पूरी तरह डिजिटल हो जाएगी। संपत्ति की जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों की फॉर्मेटिंग (प्रारूपण) आसान हो जाएगी।  

संपदा 2.0 से ई-केवाइसी से होगी पहचान

संपदा 2.0 में आधार ई-केवाइसी से पक्षकारों की पहचान होगी। इसकी विशेषताओं में संपत्ति की जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों का स्वतः प्ररूपण शामिल है। इस प्रणाली में दस्तावेजों का निष्पादन ई-साइन और डिजिटल सिग्नेचर से किया जाएगा, जिससे गवाह को कार्यालय में लाने की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। कुछ दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए अब उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी। पंजीयन अधिकारी से संवाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा और कई मामलों में किसी भी प्रकार के इंटरेक्शन की आवश्यकता नहीं होगी। व्यक्ति की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी का प्रावधान भी रखा गया है।  

ई-साइन एवं डिजिटल हस्ताक्षर  

पंजीयन के लिये ई-साइन एंव डिजिटल हस्ताक्षर दस्तावेज पर होंगे। दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लॉकर, व्हाट्सएप, और ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध होगी। साथ ही ई-स्टाप सृजित करने की सुविधा भी होगी। संपत्ति की सर्च प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है।   संपदा 2.0- विशेष मोबाइल एप   संपदा 2.0 विशेष मोबाइल एप भी लॉन्च किया जा चुका है। यह पहल न केवल आम जनता के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि मध्य प्रदेश को ई-गवर्नेंस की दिशा में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा। यह पहल साइबर तहसील और डिजिटल प्रक्रियाओं से प्रदेश के राजस्व संग्रहण को भी सुचारू रूप से संचालित करेगी।

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