Sunday, November 3, 2024
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वीआईपी ड्यूटी में लाइनमैनों की जगह भेज दिया ऑफिस स्टाफ, मुख्य अभियंता के पत्र से मचा हड़कंप

वीआईपी ड्यूटी में लाइन स्टाफ की जगह ऑफिस स्टाफ की ड्यूटी लगाने वाले जबलपुर सिटी सर्किल के अधिकारियों में मुख्य अभियंता के पत्र से हड़कंप मचा हुआ है। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने पूर्व क्षेत्र कंपनी के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि जब कभी भी जबलपुर में वीआईपी आदि आते हैं या अतिआवश्यक कार्य के दौरान जब तकनीकी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है तो इसमें सिटी सर्किल के अधिकारी नियमों को दरकिनार कर देते हैं।

हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि वीआईपी मूवमेंट के दौरान सुरक्षा और नियमों के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। इस बात को लेकर संघ द्वारा जबलपुर रीजन के मुख्य अभियंता का ध्यानाकर्षण कराया गया था।

संघ ने मुख्य अभियंता को लिखे पत्र में कहा था कि वीआईपी मूवमेंट या अतिआवश्यक कार्य के दौरान नियमित कर्मचारियों की ड्यूटी प्राथमिकता से लगाई जाए, उसके बाद संविदा या आउटसोर्स कर्मी की ड्यूटी लगाई जाए, इसके साथ ही तकनीकी कर्मियों की जिस क्षेत्र में ड्यूटी लगाई जाये, उसे उस क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था की पूरी जानकारी होना चाहिए।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि देखने में आया है कि वर्षों से एक क्षेत्र में विद्युत कर्मी कार्य करता है और उसे क्षेत्र का उसे ज्ञान भी होता है। अतिआवश्यक कार्य आने पर कर्मी को उस स्थान से अलग करके दूसरे स्थान में अधिकारी द्वारा ड्यूटी लगा दी जाती है। जहां कर्मी को उस क्षेत्र की जानकारी नहीं होती है।

वीआईपी मूवमेंट या अतिआवश्यक कार्य आने पर जिस क्षेत्र में कर्मी की ड्यूटी लगाई जाती है और उस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटती है तो अधिकारी पूरी गलती कर्मचारी की बता देते हैं और उसे सस्पेंड कर देते हैं, जबकि पूरी गलती अधिकारी की होती है। उस समय कर्मचारी की किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं होती है।

मुख्य अभियंता के द्वारा तकनीकी कर्मचारी संघ के पत्र पर संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था एवं बिजली से संबंधित अन्य कार्यों में अनुभवी कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगाना सुनिश्चित की जाए। साथ ही जिस कर्मचारी को लाइनों में करंट के कार्य का अनुभव नहीं है, उन्हें प्रशिक्षण दिलाया जावे ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन कर्मचारियों से कार्य कराया जा सके।

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