Wednesday, September 18, 2024
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धान की रोपाई के लिए मजदूरों की नहीं होगी टेंशन, पेड़ी ट्रांसप्लांटर से किसान आसानी से कर सकेंगे रोपाई

धान की रोपाई हेतु पर्याप्त वर्षा हो जाने के बाद किसानों ने धान रोपाई का कार्य प्रारंभ कर दिया है। लेकिन किसानों के समक्ष धान रोपाई हेतु मजदूरों की व्यवस्था एक बड़ी समस्या है। ऐसी स्थिति में पेड़ी ट्रांसप्लांटर का उपयोग अतिमहत्वपूर्ण हो गया है।

जिले के पाटन विकासखण्ड के ग्राम करारी कृषक भीम पटेल और दीघोरा के कृषक कुशाग्र पलहा के खेत में पेडी ट्रांसप्लान्टर से धान की रोपाई का प्रदर्शन कृषि अधिकारियों की उपस्थिति में किसानों के समक्ष किया गया। इन किसानों द्वारा ट्रांसप्लास्टर से रोपाई हेतु पूर्व में ही धान की पूसा बासमती किस्म की नर्सरी तैयार कर ली गई थी।

इस अवसर पर मौजूद अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ. इंदिरा त्रिपाठी ने बताया कि पेडी ट्रांसप्लास्टर से रोपाई किये जाने से लागत में कमी आती है, मजदूरों पर निर्भरता कम हो जाती है एवं कम अवधि 21 दिन की पौध रोपाई एवं कतार से कतार की दूरी एक सामान रहती है। जिससे खेत में खरपतवार नियंत्रण आसानी से किया जा सकता है और धान में अधिक कंसे निकलते हैं। कीट व्याधियों का प्रकोप कम होता है एवं अधिक उत्पादन प्राप्त होता है।

रोपाई के लिए नर्सरी की तैयारी कैसे की जाये

मशीन से रोपाई के लिए पहले नर्सरी तैयार करनी पड़ती हैI एक एकड़ के लिये 10 नर्सरी प्लेट की आवश्यकता होती हैI इन प्लेटों को तैयार करने के लिये नर्सरी बेड में पहले पॉलीथीन बिछाते है। उस पर फर्में की सहायता से प्लेट तैयार की जाती है। नर्सरी के लिए भुरभुरी मिट्टी जिसमें एक भी पत्थर, कंकड़ न हो को तो थोड़ी मात्रा में डाला जाता है। उसके बाद उसमे बीज अंकुरित बीज डालते हैं। बीज के ऊपर हल्की मिट्टी डाली जाती है। पन्द्रह से बीस दिन में नर्सरी तैयार हो जाती है।

अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन ने बताया की धान रोपाई मशीन की लागत 14 लाख 40 हजार रुपये है। इसमें शासन द्वारा 5 लाख रुपये अनुदान देय है। इस मशीन से रोपाई करने पर प्रति एकड़ खर्च लगभग 3 हजार रुपये आता है, वहीं परंपरागत विधि से रोपाई में एक एकड़ में 8 हजार रुपये खर्च आता है। प्रदर्शन के दौरान वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्रीकांत यादव, विषय वस्तु विषेशज्ञ पंकज श्रीवास्तव, कृषि विस्तार अधिकारी जेपी त्रिपाठी के साथ क्षेत्रीय किसान भी उपस्थित रहे।

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