Sunday, October 6, 2024
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सरकार ने दिया तो अफसरों ने लगा दिया अड़ंगा, एमपी के एक विभाग में लागू है योजना तो दूसरे में नहीं

मध्य प्रदेश शासन के अधीन कार्यरत लाखों अधिकारी और कर्मचारी मुख्यमंत्री चिकित्सा योजना के लाभ से वंचित है। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला संरक्षक योगेन्द्र दुबे एवं जिलाध्यक्ष अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि मध्य प्रदेश शासन के पुलिस विभाग में मुख्यमंत्री चिकित्सा योजना लागू है, जिसमें कर्मचारियों और उनके परिजनों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में पुलिस विभाग के खर्चे पर कराया जा रहा है।

अटल उपाध्याय ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने निजी अस्पतालों में सरकारी खर्चे पर कर्मचारियों और उनके बुजुर्ग माता-पिता को इलाज की सुविधा देने की योजना बनाई है, लेकिन अफसरों ने अड़ंगा लगा कर योजना के आदेश ही नहीं होने दिए, आज भी यह योजना अधर में लटकी है।

मुख्यमंत्री चिकित्सा बीमा योजना लागू न होने से अनेक कर्मचारियों के माता, पिता, पत्नी, बच्चे बुजुर्ग कैंसर, दमा, लकवा, लीवर, किडनी की बीमारियों का शासन के खर्चे पर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं करा पा रहे हैं। प्रदेश के लाखों अधिकारी-कर्मचारी और उन पर आश्रित महंगे इलाज न करा पाने के कारण अधूरे इलाज में ही दम तोड़ रहे है। 

योजना की पूर्ण कार्यवाही लगभग 2 वर्ष पूर्व ही अपडेट हो चुकी है, लेकिन आदेश जारी नहीं किये गए, इससे आज भी इस योजना का लाभ किसी को नहीं मिल पा रहा है। केंद्रीय कर्मचारियों को मिल रही सीजीएचएस चिकित्सा योजना की तरह प्रदेश के कर्मचारियों को भी चिकित्सा इलाज की सुविधा मिलना अत्यंत आवश्यक है।

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, प्रसांत सोधिया, देव दोनेरिया, संतोष मिश्रा, नरेश शुक्ला, विश्वदीप पटेरिया, विवेक रंजन शुक्ला, योगेश चौधरी, अजय दुबे, धीरेंद्र सिंह, मुकेश मरकाम, रबिकांत दहायत, योगेंद्र मिश्रा ने समस्त नियमित स्थापना एवं कार्यभारित स्थापना के कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा बीमा योजना के आदेश जारी कर शासन के खर्चे पर समस्त प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की सुविधा देने की मांग की है।

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